
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 138 वीं बोर्ड बैठक में लिए गए अहम निर्णय
1. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने 2025-26 के लिए 5600 करोड़ के बजट पर लगाई मुहर
-जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे लगभग 1400 करोड़ रुपये
विकास कार्यों पर 1973 करोड़ रुपये की रकम होगी खर्च
वर्ष-2025-26 के बजट मेें आमदनी और खर्च की रकम बराबर

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5597 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है। प्रदेश के मुख्य सचिव और नोएडा- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में 29 मार्च को संपन्न बोर्ड बैठक में इस पर मुहर लग गई है। आगामी वित्त वर्ष में सर्वाधिक जोर जमीन अधिग्रहण, विकास एवं निर्माण कार्यां पर रहेगा। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने तथा गांवों व सेक्टरों के विकास कार्यों पर रहेगा। इसके साथ ही आगामी वित्त वर्ष में आमदनी और खर्च की रकम भी बराबर रहने का आकलन लगाया गया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में ग्रेटर नोएडा के प्रति औद्योगिक निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। तमाम निवेशक उद्योग लगाने के लिए जमीन मांग रहे हैं। उनको जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्राधिकरण लगातार प्रयासरत है। इस वजह 2025-26 के बजट में जमीन अधिग्रहण और इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इस बार जमीन अधिग्रहण पर करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। इसके साथ ही निर्माण व विकास कार्यों पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है। इसके लिए लगभग 1973 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इस साल गावों के विकास पर 515 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पूंजीगत भुगतान पर 292 करोड़ रुपये खर्च करने का आकलन है। यह रकम ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक स्टेडियम/स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण, शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण, ग्रेटर नोएडा ईस्ट व वेस्ट में बड़े ग्राउंड का निर्माण, सेक्टरों में मल्टीपरपज हॉल या सामुदायिक केंद्र का निर्माण, ग्रेटर नोएडा वेस्ट की मेट्रो का निर्माण, जेवर एयरपोर्ट में अंशदान आदि पर खर्च करने का लक्ष्य है। विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए तय 1973 करोड़ रुपये को फुटओवर ब्रिज का निर्माण, एसटीपी, अंडरपास का निर्माण, स्ट्रक्चर पार्क, विद्युत सबस्टेशन, नए कॉलेजों का निर्माण, ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेें अस्पताल/हेल्थ सेंटर का निर्माण, वेंडर मार्केट, क्योस्क का निर्माण आदि कार्य शामिल हैं। 2025-26 वित्त वर्ष के लिए 100 करोड़ रुपये ग्रीनरी पर खर्च करने का लक्ष्य है। इस बैठक में चेयरमैन और सीईओ के अलावा नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम, डीएम मनीष कुमार वर्मा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ प्रेरणा सिंह, यीडा के एसीईओ नागेंद्र प्रताप, जीएम वित्त विनोद कुमार, जीएम प्लानिंग लीनू सहगल, जीएम प्रोजेक्ट एके सिंह, ओएसडी एनके सिंह आदि अधिकारीगण मौजूद रहे। इससे पहले मुख्य सचिव के आगमन पर ग्रेटर नोएडा एंप्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष सोनू भड़ाना ने उनका स्वागत किया।
2. परिसंपत्तियों की मौजूदा आवंटन दरों में 5 फीसदी की वृद्धि पर भी बोर्ड की मुहर
औद्योगिक, आवासीय, वाणिज्यिक व बिल्डर, संस्थागत, सभी संपत्तियों पर होगी लागू
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए परिसंपत्तियों की नई आवंटन दरें तय कर दी हैं। इस बार औद्योगिक भूखंडों, आईटी पार्क व डाटा सेंटर, आवासीय, वाणिज्यिक व बिल्डर व संस्थागत, सभी तरह की संपत्तियों की वर्तमान दरों में औसतन पांच फीसदी वृद्धि होगी। आवंटन दरों में वृद्धि पर प्राधिकरण बोर्ड ने मुहर लगा दी है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वित्त विभाग की तरफ से वर्तमान आवंटन दरों मेें 5 फीसदी की वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर बोर्ड ने सहमति दे दी है। वित्त विभाग की तरफ से बताया गया कि ग्रेटर नोएडा में जमीन की मांग काफी बढ़ गई है। निवेशकों को विकसित भूखंड उपलब्ध कराने के लिए जमीन अधिग्रहण व आधारभूत परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। विगत स्कीमों में ऑक्शन से प्राधिकरण को बढ़े हुए रेट प्राप्त हुए हैं। रेट रिवाइज का प्रस्ताव तैयार करने से पहले बाजार दरों का सर्वे कराया गया है। कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स और ई ऑक्शन के आधार पर प्राप्त दरों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभिन्न परिसंपत्तियों की आवंटन दरों में 5 फीसदी से का इजाफा किया गया है। सेक्टरों की कैटेगरी व प्लॉट साइज के हिसाब से उसी अनुपात में दरों में वृद्धि की गई है।

3. लिगेसी प्रोजेक्ट की पॉलिसी से अब तक 35494 को मिला मालिकाना हक
बोर्ड के समक्ष ग्रेनो प्राधिकरण के बिल्डर विभाग ने प्रस्तुत की ताजा रिपोर्ट
फरवरी 2024 से अब तक 15406 फ्लैटों की खरीदारों के नाम हुई रजिस्ट्री
ग्रेटर नोएडा। अमिताभ कांत समिति के सिफारिशों के आधार पर रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स की अड़चनों को हल करने के लिए लाई गई पॉलिसी/पैकेज का अब तक 98 में से 77 बिल्डर परियोजनाओं को लाभ मिला है। इन परियोजनाओं को पूरा कर खरीदारों को उनका आशियाना देने का रास्ता साफ हुआ है। इन 77 परियोजनाओं में शामिल लगभग 76 हजार फ्लैटों में से अब तक 35494 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के कुल 98 प्रोजेक्ट्स हैं जो कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर तैयार पॉलिसी के दायरे में आते हैं। इनमें से 77 परियोजनाओं के लिए 25 फीसदी धनराशि (पूर्ण व आंशिक मिलाकर) जमा कराई गई, जिससे प्राधिकरण को लगभग 1014 करोड़ की बकाया धनराशि प्राप्त हुई है और एक वर्ष में लगभग 1864 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त होने की उम्मीद है। इन 77 परियोजनाओं में 76 हजार फ्लैट हैं, जिनमें से 40003 के लिए कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र जारी किया गया है, जिसमें से 35494 फ्लैटों की रजिस्ट्री अब तक हो चुकी है। वहीं जिन बिल्डरों ने इस पॉलिसी का लाभ लेकर भी 25 प्रतिशत धनराशि जमा नहीं की है, उनके विरुद्ध अंतिम नोटिस भी जारी किया गया है। प्राधिकरण चेयरमैन ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बड़ी संख्या में फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री कराने की सराहना की।
4. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनेगा सेंटर फॉर एक्सीलेंस, आरएफपी पर बोर्ड की मुहर
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम को सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल डॉक्यूमेंट पर प्राधिकरण बोर्ड ने मुहर लगा दी है। दरअसल, कॉम्प्लेक्स में लॉन टेनिस, बास्केट बॉल, बैडमिंटन, स्केटिंग, फुटबाल, क्रिकेट व मल्टी जिम आदि खेल सुविधाएं उपलब्ध हैं। वर्तमान समय में सिर्फ सदस्यों के लिए निर्धारित शुल्क के भुगतान पर खेल सुविधाओं का उपयोग करने का प्रावधान है। आम जनता इसका
लाभ नहीं ले पा रही। खेल एकेडमी न होने के कारण सदस्यों व आमजन को खेलों का लाभ नहीं मिल पा रहा। इसे ध्यान में रखते हुए शहीद विजय सिंह पथिक स्पोट्स कॉम्प्लेक्स को सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाए जाने के लिए प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा गया, जिससे मंजूरी दे दी हैं।
5. शाहबेरी एलिवेटेड रोड को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड से मंजूरी
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर चार से एनएच-24 तक शाहबेरी होते हुए एलिवेटेड रोड बनाने के प्रस्ताव पर भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मुहर लगा दी है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आबादी तेजी से बढ़ रही है। आने वाले 10 वर्षों में 15 से 20 लाख आबादी रहने वाली है। नोएडा एयरपोर्ट के शुरू होने से भी यातायात का लोड बढ़ेगा। इसे ध्यान में रखते हुए एक मूर्ति चौराहे से एनएच-24 तक एलिवेटेड रोेड बनाने की योजना है। इस पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से सहमति मिल चुकी है। निर्माण में सहयोग के लिए भी एनएचएआई तैयार हो गया है। प्राधिकरण बोर्ड से अप्रूवल मिलने के बाद अब इसकी डीपीआर तैयार की जाएगी। इसे बनाने में लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एलिवेटेड रोड के बनने से ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के साथ ही नोएडा, गाजियाबाद व नोएडा एयरपोर्ट आने-जाने वालोें को सहूलियत होगी। इसलिए रीजलन कनेक्टीविटी रोड मानते हुए इस रोड पर होने वाले खर्च को नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण मिलकर वहन करेंगे।
6. दादरी के समीप कार्गो टर्मिनल विकसित करने की योजना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने दादरी के आईसीडी के समीप गति शक्ति कार्गो टर्मिनल परियोजना को मास्टर प्लान 2041 में शामिल करने पर बोर्ड ने मुहर लगा दी है। पीएम गति शक्ति योजना के अंतर्गत करीब 260 एकड़ भूमि पर कार्गो टर्मिनल विकसित किया जाएगा। यह भूमि पाली व मकौड़ा गांव के पास स्थित है। इससे लगभग 15 हजार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके बनने से यह क्षेत्र एनसीआर रीजन का मुख्य लॉजिस्टिक हब बन जाएगा। इससे एक्सप्रेसवे और डीएफसी कॉरिडोर से माल भाड़े के आवागमन की सुविधा होगी। बोर्ड के इस फैसले को अब षासन के पास भेजा जाएगा। वहां से अप्रूवल के बाद इस पर अमल किया जाएगा।

- ग्रेनो में वेस्टर्न सिडनी विवि, ईपीएफओ व कॉमर्शियल कोर्ट का रास्ता साफ
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने किराए पर जगह देने को दी मंजूरी
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के टॉवर टू में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का ऑफिस खुलेगा। इसके साथ ही एक कॉमर्शियल कोर्ट और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय खोलने पर भी सहमति बन गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इन संस्थाओं को किराए पर जगह उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वर्तमान समय में यह टावर खाली है। प्राधिकरण का ऑफिस एडमिन ब्लॉक और टॉवर एक में चल रहा है।
- फायर उपकरणों से लैस होगा अग्निशमन विभाग
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने दी मंजूरी
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने फायर उपकरण खरीदकर अग्निशमन विभाग को दिए जाने की अनुमति दे दी है। उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा मुख्यालय लखनऊ की तरफ से 16 जनवरी 2025 को जारी पत्र के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। अग्निशमन विभाग ने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए फायर उपकरणों की मांग की है। इन उपकरणों को खरीदने पर 29.48 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
उपकरण– संख्या
रोबोट फायर –1
फोम टेंडर –4
हाइराइज फायर फाइटिंग व्हीकल –4
वाटर बाउजर –4
वाटर टेंडर (5000 लीटर) –4
वाटर टेंडर (2500 लीटर)– 4
वाटर मिस्ट– 4
कटिंग टूल्स, काम्बी टूल्स स्पेडर करंट –2
प्राक्सीमिटी सूट –20
कैमिकल सूट/हैजमेट सूट– 08
ब्रीदिंग ऑपरेट सेट –20
कार्बन कंपोजिट सिलेंडर –20
एलमोनाइज सूट –04
9. ग्रेटर नोएडा में श्रमजीवी महिला छात्रावास बनाने का रास्ता साफ
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने तीन जगह जमीन देने को दी मंजूरी
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में कामकाजी महिलाओं के लिए 3 श्रमजीवी श्रमजीवी महिला छात्रावास बनाए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इस पर मंजूरी दे दी है। प्राधिकरण ने इकोटेक टू उद्योग विहार में दो भूखंड (क्षेत्रफल-4503 और 4650 वर्ग मीटर) और इकोटेक वन एक्सटेंशन में एक भूखंड (क्षेत्रफल-11811 वर्ग मीटर) को एक-एक रुपये सालाना की लीज पर देने का निर्णय लिया है। इससे रोजगार की तलाश में ग्रेटर नोएडा आने वाली महिलाओं को बड़ी सहूलियत हो जाएगी।

10. सीआरपीएफ के जवानों को मिलेगा आवास
ग्रेटर नोएडा। नोएडा एयरपोर्ट में तैनात होने वाले सीआरपीएफ के जवानों के आवास की सुविधा का हल भी निकल गया है। सीआरपीएफ के जवानों को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से निर्मित खाली फ्लैटों को किराए पर दिए जाएंगे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके साथ ही कुछ फ्लैट सरकारी महकमों को भी आवास के परपज से आवंटित किए जाएंगे।

11. रजिस्ट्री पर विलंब शुल्क से फ्लैट खरीदारों को राहत
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने फ्लैट खरीदारों को एक और बड़ी राहत दे दी है। जिन फ्लैट खरीदारों ने अभी तक रजिस्ट्री नहीं कराई थी, उन पर प्रतिदिन 100 रुपए के हिसाब से जुर्माना लग रहा था। प्राधिकरण ने तीन माह के लिए इस जुर्माने से राहत दे दी है। बोर्ड के फैसले के दिन से तीन माह के भीतर अगर खरीदार रजिस्ट्री करा लेते हैं, तो इस पेनल्टी से बच जाएंगे।