
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
जल प्रदूषण को रोकने और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 7 बिल्डरों पर बड़ी कार्रवाई की है। सोसाइटियों के एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) अक्रियाशील पाए जाने तथा सीवेज को बिना शोधित किए सीधे नालों में गिराने के मामलों में 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
प्राधिकरण ने निर्देश दिया है कि जुर्माने की राशि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के खाते में जमा कराई जाए और इसकी प्रति प्राधिकरण को उपलब्ध कराई जाए। साथ ही, बिल्डरों को चेतावनी दी गई है कि अगली जांच में खामी मिलने पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ-साथ लीज डीड और भवन नियमावली के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीवरेज को शत-प्रतिशत शोधित करने और साफ पानी को पुन: उपयोग में लाने के लिए लगातार प्रयासरत है। यह तभी संभव होगा जब बिल्डर और निवासी दोनों सहयोग करें। बिल्डर सोसाइटियों से निकलने वाले सीवेज को शोधित करने के लिए एसटीपी का सक्रिय रहना अनिवार्य है। बिना शोधित सीवेज नाले में डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। सीवर विभाग की टीम सोसाइटियों में बने एसटीपी और उनसे निकलने वाले पानी की नियमित जांच करती रहेगी।

जिन बिल्डरों पर जुर्माना लगाया गया:
- राजहंस रेजिडेंसी, सेक्टर-1 – 5 लाख रुपये
- पैरामाउंट इमोशंस, सेक्टर-1 – 5 लाख रुपये
- देविका होम्स, सेक्टर-1 – 10 लाख रुपये
- कैपिटल एथिना, सेक्टर-1 – 5 लाख रुपये
- पंचशील हाईनिस, सेक्टर-1 – 12 लाख रुपये
- जेएम फ्लोरेंस, टेकजोन-4 – 5 लाख रुपये
- पंचशील ग्रीन्स-2, सेक्टर-16 – 12 लाख रुपये

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने स्पष्ट कर दिया है कि पर्यावरण प्रदूषण पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी बिल्डरों के खिलाफ भविष्य में और कड़ी कार्रवाई होगी।