“लापरवाही से उत्कृष्टता तक: गौतमबुद्धनगर के बीएलओ बने जिले की नई उम्मीद – DM मेधा रूपम ने बढ़ाया हौसला”


– मौहम्मद इल्यास “दनकौरी” / गौतमबुद्धनगर

गौतमबुद्धनगर में इस वर्ष चल रहे विशेष प्रगाढ़ मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR – Special Intensive Revision) ने एक समय जिले के प्रशासनिक माहौल में हलचल मचा दी थी। लापरवाही और सुस्ती के कारण जहां 60 बीएलओ और 07 सुपरवाइजरों के खिलाफ एफआईआर तक के आदेश हुए, वहीं उसी जिले में कुछ ऐसे बीएलओ भी थे जिन्होंने अपनी मेहनत, योजना और टीमवर्क से इस अभियान को नई दिशा और नई उम्मीद दी।

इन्हीं उत्कृष्ट बीएलओ को आज जिला निर्वाचन अधिकारी व प्रशासनिक टीम ने कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में सम्मानित किया।
ये वो चेहरे हैं जिन्होंने 100% डिजिटाइजेशन, 75% से अधिक मैपिंग, और समयबद्ध कार्यप्रणाली के साथ जिले के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया।


✦ उत्कृष्टता की मिसाल बने पाँच बीएलओ

सम्मानित बीएलओ की सूची इस प्रकार रही—

  • अनिल कुमार (विधानसभा 62 – दादरी)
  • रामकिशोर (विधानसभा 62 – दादरी)
  • जीनू भार्गव (विधानसभा 61 – नोएडा)
  • सुफिया परवीन (विधानसभा 61 – नोएडा)
  • तस्लीम खान (विधानसभा 63 – जेवर)

इन पाँचों ने अपने-अपने क्षेत्र में न सिर्फ समय से कार्य पूर्ण किया, बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर समन्वय, लगातार फील्ड उपस्थिति और योजनाबद्ध काम का प्रदर्शन दिखाया।


✦ “सहयोग ही सफलता की कुंजी”—बीएलओ का अनुभव

बैठक के दौरान बीएलओ ने बताया कि—

दादरी के बीएलओ अनिल कुमार व रामकिशोर

ने ईआरओ, एईआरओ, सुपरवाइजर और ग्रामीणों द्वारा मिले समर्थन को सफलता का मूल कारण बताया।

नोएडा की बीएलओ जीनू भार्गव व सुफिया परवीन

ने बताया कि
आरडब्ल्यूए, एओए और हाईराइज बिल्डिंगों में तैनात प्राधिकरण अधिकारियों ने
सुगम प्रवेश, पहचान सत्यापन व सही पते की जांच में निरंतर सहयोग दिया।

जेवर के तस्लीम खान

ने ग्रामीणों, वॉलंटियर्स व सुपरवाइजर की टीम के साथ समन्वय को अपना सबसे बड़ा आधार बताया।


✦ योजनाबद्ध कार्यप्रणाली बनी ‘गेम चेंजर’

बीएलओ ने बताया कि उन्होंने—

  • योजनाबद्ध शेड्यूल
  • सतत अनुश्रवण
  • टीमवर्क
  • घर-घर संपर्क
  • तकनीकी दक्षता

के माध्यम से नामांकन, प्रमाणीकरण, डिजिटाइजेशन और मैपिंग जैसे सभी कार्य तय समय से पहले पूरे किए।


✦ ‘प्रेरणास्रोत’—जिला निर्वाचन अधिकारी की प्रतिक्रिया

जिला निर्वाचन अधिकारी ने इन बीएलओ को जनपद का “प्रेरणास्रोत” बताते हुए कहा कि—

“इनका अनुशासन और समर्पण अन्य सभी बीएलओ के लिए मार्गदर्शक है। आगामी निर्वाचन कार्यों में इन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में नामित किया जाएगा।”


✦ SIR विवाद के बीच उठी उम्मीद—DM मेधा रूपम हुईं प्रभावित

कुछ समय पहले ही जिले में SIR अभियान के दौरान मिली व्यापक लापरवाही के चलते
डीएम मेधा रूपम को कठोर कदम उठाने पड़े थे।
60 बीएलओ और 07 सुपरवाइजरों के खिलाफ एफआईआर के आदेश के बाद माहौल तनावपूर्ण और भयाक्रांत हो गया था।
कई कर्मचारियों के डिप्रेशन में आने और नौकरी छोड़ने की स्थिति तक की खबरें सामने आई थीं।

लेकिन इसी कठिन समय में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बीएलओ ने—

  • प्रशासन की मंशा
  • निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश
  • और जनता तक पहुंच बनाने की जिम्मेदारी

को बखूबी निभाया।
यही कारण रहा कि DM मेधा रूपम ने इन बीएलओ की पीठ थपथपाई और उनके समर्पण को “जिले का मान बढ़ाने वाला कार्य” बताया।


✦  चुनौतियों के बीच चमकी उत्कृष्टता

जहां एक ओर SIR अभियान में लापरवाही के बाद प्रशासन को कठोर रुख अपनाना पड़ा,
वहीं दूसरी ओर मेहनती और ईमानदार बीएलओ ने यह साबित किया कि—
“सही योजना, टीमवर्क और फील्ड की समझ हो तो हर चुनौती अवसर बन सकती है।”

गौतमबुद्धनगर के ये पाँच बीएलओ न सिर्फ सम्मानित हुए हैं,
बल्कि अब वे जनपद के अन्य बीएलओ के लिए नई प्रेरणा,
और निर्वाचन कार्यों में नए मानक बनकर उभरे हैं।


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