आयुषमान भारत योजना में फर्जीवाडाः- निजी हॉस्पिटलों से रिकवरी

निजी हॉस्पिटल
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आयुषमान भारत योजना के पैनल से हटाने की कार्यवाही करते हुए सीधे एफआईआर कराए जाने की तैयारी

फर्जीवाडा
फर्जीवाडा

 फर्जीवाडा करने वाले गौतमबुद्धनगर के निजी हॉस्पिटल संचालको के बीच भी मची हुई है, खलबली

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

भाजपा की मोदी सरकार द्वारा 5 लाख रूपये तक के फ्री इलाज की सुविधा आयुषमान भारत योजना के तहत दी जा रही है। निजी हॉस्पिटलों द्वारा आयुषमान भारत योजना में घोटाले किए जाने के मामले भी प्रकाश में आए हैं। केग की रिपोर्ट में भी फर्जीवाडे किए जाने पर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। निजी हॉस्पिटल हेरीफेरी कर आयुषमान भारत योजना में क्लेम कर मोटी रकम हासिल किए जाने से कतई पीछे नही है। अब नया खुलासा हो रहा है कि जो निजी हॉस्पिटल आयुषमान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध किए गए हैं, वहां कसंलटैंट हैं ही नही, बल्कि मरीज को भर्ती किया और आरएमओ के हवाले कर भारी भरकम बिल तैयार कर क्लेम सरकार को भेज दिया जाता है। कई हॉस्पिटल तो ऐसे भी होते हैं जहां बिना डिग्रीधारी डॉक्टर ही आरएमओ बने हुए हैं। जब कि सीनियर कंसलटैंट को सिर्फ कागजों पर दस्तखत किए जाने के लिए हायर किया हुआ है। ये सीनियर कंसलटैंट कभी हॉस्पिटल आते ही नही हैं।

आयुषमान भारत योजना
आयुषमान भारत योजना

सूत्रांं की मानें तो कई ऐसे भी मामला प्रकाश में आए हैं कि सीनियर कंसलटैंट की डिग्री और नाम यूज कर लिया, जब कि वो हॉस्पिटल से पहले ही नाता तोड चुके होते हैं। इस तरह के मामलों में रियलटी चैक किया गया तो पता चला कि अमुक सीनियर कंसलटैंट का न तो उक्त मरीज से और न ही संबंधित हॉस्टिल से कोई नाता है अर्थात न ही किसी तरह का इलाज किया गया। वैरीफिकेशन में कई निजी हॉस्पिटल फर्जीवाडा करते हुए बेनकाब भी हुए हैं। गौतमबुद्धनगर जिले के कई निजी हॉस्पिटलों में यह गोरखधंधा बेखौफ चल रहा है। यह हॉस्पिटल बगैर सीनियर कंसलटैंट को बुलाए उनके नाम पर इलाज के कागज तैयार कर सरकार से मोटी रकम हाथियाने में लगे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारिक सूत्रों की मानें तो आयुषमान भारत योजना में इस तरह का फर्जीवाडा करने वाले हॉस्पिटलों को सबक सिखाने के लिए नई कवायद शुरू कर दी गई है

फर्जीवाडा करने वाले हॉस्पिटलों
फर्जीवाडा करने वाले हॉस्पिटलों

नए नियम के तहत अब मरीज को इलाज देते हुए कंसलटैंट का फोटो भी भेजना होगा और फिर स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से अमुक कंसलटैंट से वेरीफिकेशन किया जाएगा। सब कुछ ठीक ठाक पाए जाने पर इलाज पर खर्च हुई राशि हॉस्पिटल के खाते में भेजी जा सकेगी। दूसरी ओर ऐसे निजी हॉस्पिटल जो इस फर्जीवाडे में बेनकाब हो चुके हैं, उन्हेंं आयुषमान भारत योजना के पैनल से हटाने की कार्यवाही करते हुए सीधे एफआईआर कराए जाने की तैयारी है। सरकार की यहां तक तिरछी नजर है कि फर्जीवाडा कर सरकार से हाथियाई गई रकम को भी दोगुने जुर्माने के साथ वसूला जाएगा। राज्य स्वास्थ्य विभाग के इस कदम से आयुषमान भारत योजना में फर्जीवाडा करने वाले गौतमबुद्धनगर के निजी हॉस्पिटल संचालको के बीच भी खलबली सी मची हुई हैं।

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