पूर्व बार अध्यक्ष राजकुमार नागर बने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की अनुशासन समिति के सदस्य


गौतमबुद्धनगर के अधिवक्ताओं में खुशी की लहर

— मौहम्मद इल्यास “दनकौरी”, ग्रेटर नोएडा
गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व गौतमबुद्धनगर बार अध्यक्ष राजकुमार नागर को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की अनुशासन समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है। यह नियुक्ति बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर सिंह द्वारा की गई है।

हरिशंकर सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि “राजकुमार नागर अधिवक्ता समाज के सुख-दुख में सदैव साथ खड़े रहते हैं। अधिवक्ता हीत सर्वोपरि रखना उनका सिद्धांत है, जो मेरे अपने विचारों से मेल खाता है।”

उन्होंने आगे कहा कि “राजकुमार नागर एडवोकेट के अनुशासन समिति में शामिल होने से नोएडा, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़ और आसपास के जिलों के अधिवक्ताओं को बड़ी सुविधा मिलेगी। अब अधिवक्ताओं को बार काउंसिल प्रयागराज (इलाहाबाद) के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।”

हरिशंकर सिंह ने राजकुमार नागर को कर्मठ, निष्ठावान और ईमानदार अधिवक्ता बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार नागर बार काउंसिल की सेवाओं के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा की श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के संस्थापक सदस्य और संरक्षक भी हैं। समाज सेवा और अधिवक्ता हित में उनके सक्रिय योगदान के कारण वे लंबे समय से अधिवक्ता समुदाय के बीच लोकप्रिय चेहरा रहे हैं।

उनके बार काउंसिल की अनुशासन समिति में सदस्य बनाए जाने के बाद गौतम बुद्ध नगर, ग्रेटर नोएडा और आस-पास के जिलों के अधिवक्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।
बधाई देने वालों का तांता उनके आवास और कार्यालय पर लगातार लगा हुआ है।


एडवोकेट राजकुमार नागर का आभार उद्बोधन

राजकुमार नागर ने इस अवसर पर अपने आभार व्यक्त करते हुए कहा —

“मैं बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर सिंह का हृदय से आभारी हूँ, जिन्होंने मुझ पर यह विश्वास जताया। मैं वचन देता हूँ कि अधिवक्ता समाज के हित में सदैव समर्पित रहूँगा।
मेरी प्राथमिकता रहेगी कि अधिवक्ताओं को न्याय मिले, उनके अधिकार सुरक्षित रहें और अनुशासन समिति के माध्यम से प्रत्येक अधिवक्ता को निष्पक्षता के साथ सुनवाई का अवसर प्राप्त हो।”

मैं गौतम बुद्ध नगर, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़ सहित प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं से अपील करता हूँ कि वे एकजुट रहकर अधिवक्ता समाज की एकता, गरिमा और सम्मान को बनाए रखें। यही हमारी असली शक्ति है।”


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