मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / गौतमबुद्धनगर
किसान कोटे के प्लॉट का विल जीपीए एग्रीमेंट करने के बाद अलॉट होने पर किसी अन्य को विक्रय करने पर मूल किसान तथा खरीददार के खिलाफ जिला न्यायालय ने F I R के आदेश पारित किए हैं।
गौतमबुद्धनगर जिला सत्र एवं न्यायालय सूरजपुर के अधिवक्ता गजेंद्र सिंह खारी ने बताया कि यह आदेश एक महत्वपूर्ण मामले में माननीय न्यायालय ने पारित किया है।
गजेंद्र सिंह खारी एडवोकेट ने “विजन लाइव” को बताया कि यह मामला वर्ष 2008 का है । मूल किसान छत्रपाल ने अपने 6% आवासीय प्लॉट का बिल जीपीए और एग्रीमेंट राजीव गोस्वामी को कर दिया तथा विकास शुल्क भी राजीव गोस्वामी द्वारा ही जमा किया गया था। परंतु प्लॉट का अलॉट होने के उपरांत छत्रपाल ने उक्त प्लाट राजीव गोस्वामी को न देकर बलवीर सिंह को विक्रय कर दिया। इसी प्रकार बलबीर सिंह ने आशीष कुमार को विक्रय कर दिया। राजीव गोस्वामी ने जब रजिस्ट्री के लिए कहा तो छत्रपाल ने राजीव गोस्वामी को लोकल होने की धमकी देकर प्लॉट देने से मना कर दिया। राजीव गोस्वामी ने गौतमबुद्धनगर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
उन्होंने बताया कि पीड़ित पक्ष ने माननीय न्यायालय से जांच करने तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की प्रार्थना की, जिस पर माननीय न्यायालय ने मूल किसान छत्रपाल एवं अन्य के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश पारित किए हैं।