“11 करोड़ का फर्जी GST रैकेट… साइबर क्राइम पुलिस की सबसे बड़ी पकड़!”

🔴 स्पेशल क्राइम स्टोरी — “11 करोड़ का फर्जी GST रैकेट… साइबर क्राइम पुलिस की सबसे बड़ी पकड़!” 🔵

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ गौतमबुद्धनगर

नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने एक ऐसी चेन को बेनक़ाब किया है, जिसने टैक्स सिस्टम के digital गलियारों में बैठे-बैठे करोड़ों रुपये का खेल कर दिया था। यह कोई स्ट्रीट-क्राइम नहीं… यह एक “माउस-क्लिक माफिया” था, जो इनवॉइस के जरिए सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहा था।


🟥 शुरुआत: जब कंपनी को हुआ शक…

02 अगस्त 2025 की सुबह एक प्रतिष्ठित कंपनी के मैनेजमेंट के पास एक चौंकाने वाली जानकारी आई—
उनकी आईडी और पासवर्ड के जरिए 11 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस जीएसटी पोर्टल पर भेजे जा चुके थे।

कंपनी के अकाउंट सेक्शन में काम करने वाला व्यक्ति, जिसका काम टैक्स और GST को संभालना था…
वही बन गया था सबसे बड़ा खतरा।

कंपनी ने तत्काल लिखित शिकायत दी और शुरू हुआ साइबर क्राइम थाना नोएडा का ऑपरेशन—“वर्चुअल फ्रॉड बस्टर”।


🟦 ऑपरेशन की गुत्थी सुलझी: 27 वर्षीय अकाउंटेंट गिरफ्तार

4 दिसंबर 2025 को पुलिस ने नोएडा में छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया:

अब्दुल राजीक उर्फ़ अब्दुल रज्जाक
उम्र: 27 वर्ष
निवासी: शिवहर, बिहार
वर्तमान: जाकिर नगर, बाटला हाउस, दिल्ली

उसके पास से बरामद—
✔ 01 मोबाइल फोन
✔ कई कूटरचित (फर्जी) GST बिल

यह वही मोबाइल था जिसमें बनावट, चोरी और करोड़ों के खेल की पूरी कहानी छिपी थी।


🟥 पूछताछ में खुलासा: “डिजिटल कमीशन नेटवर्क”

पूछताछ में जो कहानी सामने आई, उसने पुलिस को भी चौंका दिया।

अब्दुल रज्जाक ने बताया कि GST कार्यालय में उसकी मुलाकात एक और आरोपी अभिनव त्यागी से हुई थी, जिसने उसे “बिल खरीदने-बेचने” के ग्राहकों और कमीशन का लालच दिया।

स्कीम बड़ी सरल थी…
लेकिन नुकसान करोड़ों का:

🔸 अभिनव त्यागी फर्जी GST बिल देता
🔸 अब्दुल उन्हें आगे ग्राहकों को बेचता
🔸 ग्राहक उन्हें अपने इनपुट टैक्स क्रेडिट में लगाते
🔸 कंपनी और सरकार दोनों को भारी चूना

कुल रकम का 1% कमीशन अब्दुल रज्जाक को मिलता था।
कई बिलों से उसने करीब 1 लाख रुपये खुद रखकर बाकी रकम अभिनव त्यागी को दे दी।

यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और सरकार के GST सिस्टम को पीछे से खोखला कर रहा था।


🟦 डीसीपी साइबर श्रीमती शैव्या गोयल का बयान

डीसीपी साइबर ने कहा कि यह गिरफ्तार साइबर अपराधों की उस नई श्रेणी का उदाहरण है,
जिसमें अपराधी डिजिटल सिस्टम की बारीकियों का दुरुपयोग कर बड़े घोटाले करते हैं।

उन्होंने बताया कि टीम ने तेज़ी से काम करते हुए पूरा मॉड्यूल पकड़ा और आगे के लिंक की जांच जारी है।
नोएडा साइबर क्राइम यूनिट ने GST और डिजिटल टैक्स फ्रॉड के इस जाल को तोड़कर बड़ी सफलता पाई है।


🔒 साइबर जागरूकता—आपके लिए बेहद ज़रूरी!

  1. साइबर अपराध की शिकायत तुरंत 1930 पर दें
  2. किसी भी अज्ञात लिंक/OTP/कॉल/ईमेल पर भरोसा न करें
  3. KYC, रिवॉर्ड, कैशबैक, लोन कॉल—99% फ्रॉड होते हैं
  4. अपने बैंक व सोशल मीडिया अकाउंट में हमेशा 2FA सक्रिय करें

🟥” विजन लाइव” का विश्लेषण: लेकिन जांच अभी जारी है…

साइबर पुलिस अब इस नेटवर्क के और सदस्यों की तलाश में है।
कौन-कौन इस डिजिटल फर्जीवाड़े में शामिल था?
कितना काला धन और घूम रहा है?

नोएडा की सबसे बड़ी GST धोखाधड़ी में गिरफ़्तारी के बाद अब नए खुलासों की उम्मीद है।

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