
Vision Live / Gautam Buddh Nagar
गौतम बुद्ध नगर, — भूगर्भ जल संरक्षण को लेकर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की सक्रियता और गंभीरता एक बार फिर सामने आई है। आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की समीक्षा बैठक में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनपद में अवैध जल दोहन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को सक्रिय न रखने वालों पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
निर्णायक समीक्षा बैठक: 64 में से 33 आवेदन स्वीकृत, कार्रवाई के निर्देश
बैठक की शुरुआत में भूगर्भ जल अधिकारी अंकिता राय ने समिति को अवगत कराया कि विभागीय पोर्टल पर अब तक 64 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से:
- 33 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं,
- 5 आवेदन अस्वीकृत हुए हैं,
- 6 आवेदन राज्य प्राधिकरणों को अग्रेषित किए गए हैं,
- 20 आवेदनों पर संबंधित प्राधिकरणों की आख्या प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
DM का निर्देश: अनापत्ति प्रमाण पत्र के बावजूद लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी ने जनपद स्तरीय टास्क फोर्स को निर्देश दिया कि वे सभी औद्योगिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कमर्शियल व सामूहिक उपभोक्ताओं से रिपोर्ट लें जिन्होंने भूगर्भ जल दोहन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त किया है।

“अगर किसी ने प्रमाण पत्र लेने के बावजूद परिसर में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया या उसे सक्रिय नहीं किया है, तो उसका NOC निरस्त करने की कार्रवाई तत्काल शुरू की जाए।”
सभी सरकारी कार्यालयों, सोसाइटीज़ व अपार्टमेंट्स की होगी गहन जांच
मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए, जिले की सभी रेजिडेंशियल सोसाइटियों, अपार्टमेंट्स, सरकारी भवनों और कार्यालयों में रेनवॉटर रिचार्ज सिस्टम की गहन जांच की जाए।
“जिन संस्थानों द्वारा रेनवॉटर सिस्टम की रिपोर्ट नहीं दी जा रही है, उनके खिलाफ ₹5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।”
अवैध जल दोहन पर निगरानी और जन-जागरूकता पर भी जोर
जिलाधिकारी ने भूगर्भ जल विभाग को निर्देश दिया कि जनपद में कहीं भी अवैध तरीके से भूजल दोहन न हो सके, इसके लिए विशेष निगरानी अभियान चलाया जाए। साथ ही उन्होंने जनजागरूकता कार्यक्रमों के ज़रिए आम नागरिकों को जल संरक्षण के महत्व से अवगत कराने पर बल दिया।
अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विद्यानाथ शुक्ला के अलावा प्राधिकरण, सिंचाई विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

📌 विशेष बिंदु:
- सक्रिय रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की रिपोर्ट न देने वालों पर ₹5 लाख जुर्माना
- अवैध जल दोहन पर विशेष अभियान
- NOC के बावजूद जल संरक्षण उपाय न करने वालों का प्रमाण पत्र होगा रद्द
- जल जागरूकता कार्यक्रमों को मिलेगी प्राथमिकता