
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर
जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन गौतमबुद्धनगर में लंबे समय से सुलग रहा आंतरिक विवाद सोमवार को उस समय उबाल पर पहुँच गया जब वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप भाटी चिटहरा पर कथित रूप से बार अध्यक्ष प्रमेन्द्र भाटी और उनके करीबियों द्वारा हमला किया गया। इसके विरोध में आज सुबह करीब 11 बजे सैकड़ों अधिवक्ताओं ने थाना सूरजपुर पर प्रदर्शन कर प्राथमिकी दर्ज कराई।

घटना की पृष्ठभूमि
दिनांक 09 जून 2025 को अधिवक्ता चौक पर बार अध्यक्ष प्रमेन्द्र भाटी, के.के. भाटी, कृष्ण भाटी, अमित भाटी, विशाल नागर समेत करीब 15-20 अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अधिवक्ता संदीप भाटी पर जानलेवा हमला किया गया। एफआईआर के अनुसार प्रमेन्द्र भाटी ने पिस्टल की बट से संदीप भाटी के चेहरे पर हमला किया, वहीं अन्य आरोपियों ने लाठी-डंडों से मारपीट की। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि कोर्ट परिसर में एक गैंग जैसी व्यवस्था बना ली गई है जो डर और भय का माहौल पैदा कर रही है।

पंजीकृत धाराएं और केस डिटेल
थाना सूरजपुर में मु0अ0सं0-0337/25 अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191(2), 331, 115(2), 352, 351(3) के तहत मामला दर्ज किया गया है। विवेचना पुलिस द्वारा प्रारंभ कर दी गई है।
प्रदर्शन और आम सभा की कार्यवाही
घटना के विरोध में अधिवक्ताओं का एक बड़ा समूह थाना सूरजपुर पहुंचा और जमकर नारेबाजी करते हुए निष्पक्ष जांच की माँग की। इस प्रदर्शन का नेतृत्व अधिवक्ता संदीप भाटी चिटहरा ने किया। बाद में बार एसोसिएशन की आम सभा की बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता कार्यवाहक अध्यक्ष संदीप भाटी ने की।
बैठक में सर्वसम्मति से दिनांक 09.06.2025 की घटना की कड़ी निंदा की गई। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि वर्तमान अध्यक्ष प्रमेन्द्र भाटी द्वारा गठित की गई जांच समिति को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है क्योंकि पूर्व कार्यकारिणी को ऐसी समिति गठित करने का अधिकार नहीं है।

प्रमुख अधिवक्ताओं की उपस्थिति
प्रदर्शन व आम सभा में बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भाग लिया, जिनमें पूर्व अध्यक्ष उमेश भाटी, मनोज भाटी (बोडाकी), पूर्व सचिव देवेन्द्र राहुल चौधरी, ऋषि टाइगर, नीरज तंवर, संग्राम सिंह राणा, अलबेल भाटी, राज सिंह भाटी चिटहैरा, दीपक नागर काका, शोभाराम चंदिला, शिव कुमार बैंसला, कपिल मकौड़ा, वरुण नागर, राकेश घोड़ी बछेड़ा, सरफराज खानपुर, असलम दतावली, अभिषेक तिवारी समेत करीब 1000 अधिवक्ताओं की भागीदारी रही।

न्यायिक व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि प्रमेन्द्र भाटी और उनके सहयोगी पूर्व में भी न्यायिक अधिकारियों के चेंबर में जबरन घुसने, अधिवक्ताओं के क्लाइंट्स को धमकाने जैसे गंभीर कृत्यों में शामिल रहे हैं। हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में दो बार इनके विरुद्ध न्यायिक अवमानना की कार्यवाही की जा चुकी है।
अधिवक्ताओं की मांग
बार संघ के अधिवक्ताओं ने मांग की है कि आरोपी अधिवक्ताओं को कोर्ट परिसर से प्रतिबंधित किया जाए और पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए। साथ ही बार संघ में लोकतांत्रिक तरीके से पुनर्गठन की भी मांग उठी है।

अधिवक्ता समुदाय में दो खेमों का यह टकराव
गौतमबुद्धनगर की न्यायिक व्यवस्था के लिए यह विवाद एक गंभीर चेतावनी है। अधिवक्ता समुदाय में दो खेमों का यह टकराव अब सड़कों पर आ गया है। देखना होगा कि पुलिस और न्यायिक प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता और निष्पक्षता से कार्रवाई करता है।