
🟥 क्राइम स्टोरी : “चार करोड़ की फिरौती और शशांक का अपहरण”
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद, फिर कन्नौज तक फैली यह कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगती। लेकिन यह हकीकत है – जहां तेज़-तर्रार पुलिस कार्रवाई ने एक मासूम की ज़िंदगी बचाई और अपहरणकर्ताओं के खतरनाक गैंग का भंडाफोड़ किया।
घटना की शुरुआत
दिन था 9 सितंबर 2025।
गाजियाबाद के टाइल्स व्यापारी मनीष गुप्ता का बेटा शशांक गुप्ता अपनी बलेनो कार से निकला।
उसे क्या पता था कि कुछ ही देर में उसकी ज़िंदगी पूरी तरह बदलने वाली है।
साज़िश पहले ही रची जा चुकी थी।
निमय शर्मा और आलोक यादव, दोनों कर्ज़ में डूबे दोस्त, पैसा कमाने के लिए एक खतरनाक योजना बना चुके थे – शशांक का अपहरण।
इस काम के लिए उन्होंने अपनी साथी निशा उर्फ प्रीति को इस्तेमाल किया।
प्रीति ने शशांक से दोस्ती की और मिलने के बहाने उसे फँसा लिया।

अपहरण की साजिश
उस शाम प्रीति शशांक की कार में बैठी। कुछ दूर जाकर बातचीत का बहाना बनाकर गाड़ी रुकवाई। तभी मौके पर मौजूद तीन आरोपी – मोहित गुप्ता, अंकित और सुमित – कार में घुस आए।
प्रीति वहीं उतर गई और शशांक को जबरन कार समेत अपने कब्ज़े में ले लिया गया।
इसके बाद शशांक को दूसरी गाड़ी – एक्सयूवी 3XO – में बैठाकर सीधे कन्नौज ले जाया गया।
उसकी बलेनो कार को यमुना एक्सप्रेसवे पर लावारिस छोड़ दिया गया।
शशांक को कन्नौज के छिबरामऊ कस्बे में एक खाली पड़े मकान में कैद कर दिया गया।
यहीं से अपहरणकर्ताओं ने उसके पिता मनीष गुप्ता को कॉल करना शुरू किया – “चार करोड़ रुपये चाहिए, वरना बेटे की जान जाएगी।”

पुलिस का ऑपरेशन
पिता ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया।
थाना दनकौर, स्वॉट टीम, ईकोटेक-1 और बीटा-2 पुलिस की संयुक्त टीमें अलर्ट हो गईं।
सर्विलांस और तकनीकी मदद से लोकेशन ट्रैक की गई।
14 सितंबर की रात – अपहरणकर्ताओं ने डील फाइनल की।
पहले चार करोड़ मांगे, फिर सौदेबाज़ी में 50 लाख रुपये में शशांक को छोड़ने की बात तय हुई।
जगह तय हुई – जेवर क्षेत्र का रामनेर रजवाहा।
लेकिन पुलिस पहले से तैयार थी।
घेराबंदी की गई।

मुठभेड़ का रोमांच
जैसे ही पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को दबोचने की कोशिश की – उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में दो आरोपी – मोहित गुप्ता और आलोक यादव – के पैरों में गोली लगी।
बाकी तीन आरोपी – निमय शर्मा, श्याम सुंदर और सुमित कुमार – मौके से दबोच लिए गए।
शशांक गुप्ता को सुरक्षित बरामद कर लिया गया।

बरामदगी और खुलासा
पुलिस ने घटनास्थल से बरामद किया –
- अपहरण में इस्तेमाल कार एक्सयूवी 3XO
- दो तमंचे और कारतूस
- फिरौती मांगने वाला मोबाइल फोन
पूछताछ में खुलासा हुआ कि पूरी योजना के पीछे मुख्य दिमाग था निमय शर्मा, जिसने टाइल्स शोरूम पर शशांक को देखकर अपहरण का प्लान बनाया था।

डीसीपी का बयान
डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा –
“पुलिस की तत्परता और पेशेवराना अंदाज़ से यह बड़ी वारदात नाकाम हुई। अपहरणकर्ता गैंग का भंडाफोड़ किया गया है और फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
अब तक की स्थिति
- 5 आरोपी गिरफ्तार
- 2 घायल (मुठभेड़ में)
- 2 फरार – अंकित और निशा उर्फ प्रीति
- शशांक सकुशल अपने परिवार के पास है।