पक्षी विहार से सटी करीब 50 बीघा तुस्याना की जमीन पर कालोनी काटने का सिलसिला बदस्तूर जारी
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की रोक के बावजूद तुस्याना गांव में अवैध कालौनी धडल्ले से काटी जा रही है। बताया गया है कि यहां पट्टे की जमीन है। इस जमीन पर खरीद फरोख्त के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से रोक लगाई गई है। अवैध कलोनाईजर इस जमीन पर 100 वर्ग गज तक के छोटे प्लाट काट कर जमकर चांदी काट रहे हैं। खास बात यह है कि यहां बिजली के पोल तक दिखाई दे रहे हैं। एनपीसीएल के अफसर भी अवैध कालौनी को बढावा देने से किसी तरह पीछे नही है।
तुस्याना गांव में सरकारी जमीन के फर्जीवाड़े का मामला उजागर होने के बाद भूमाफिया के साथ पट्टेधारकों की भी नींद उड़ गई है। शासन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है। जिसके बाद राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों का फंसना लगभग तय माना जा रहा है। दरअसल भूमाफिया ने न केवल अधिकारियों से सांठगांठ कर सरकारी जमीन अपने नाम कर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से मुआवजा उठाया बल्कि माफिया पट्टे धारकों से मिलीभगत कर जमीन पर अवैध कालोनी भी काट रहे हैं। पक्षी विहार से सटी करीब 50 बीघा जमीन पर कालोनी काटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। जमीन पर कई मंजिला इमारतें खड़ी हो गई हैं। माफिया इस जमीन के प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र से बाहर व कई गुना सस्ती होने का हवाला देकर भोले भाले लोगों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं। सूत्रों की माने तों तुस्याना गांव में ग्राम सभा का बहुत बड़ा रकबा दर्ज था। वर्ष 1996 में भूमिहीनों की आड़ में कई सौ बीघा जमीन पर अपात्र लोगों को भी पट्टे आवंटित कर दिए गए।
सूत्रों का दावा है कि मूल ग्रामवासियों की आड़ में कुछ बाहरी लोगों के नाम भी पट्टे हुए। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने जमीन अधिगृहीत करना शुरू किया तो माफिया सक्रिय हो गए। कुछ भूमाफिया ने औने पौने दाम देकर पट्टेधारकों से जमीन को अपने नाम करा मुआवजा उठा लिया। इसमें प्राधिकरण अधिकारियों की भी मिलीभगत थी। कुछ पट्टेधारकों ने सीधे प्राधिकरण को जमीन बेचकर मुआवजा उठाया। जो जमीन शेष है उस पर माफिया पट्टेधारकों से मिलीभगत कर अवैध कालोनी काट रहे हैं। माफिया इतने सक्रिय हैं कि पट्टे धारकों से सीधे जमीन की प्लाटिग कर खरीदार के नाम रजिस्ट्री करा रहे हैं ताकि भविष्य में जांच की आंच उन तक न पहुंच सके।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यापालक अधिकारी अन्नूपर्णा गर्ग ने सब रजिस्ट्रार दादरी को खसरा संख्या को उल्लेख करते हुए उक्त पर लेखपत्र निष्पादन एवं नामांत्रण पत्र पर रोक लगाए जाने के एक पत्र मे लिखा था। किंतु इन सबके बावजूद जमीन खरीद फरोख्त का यह खेल धडल्ले से चल रहा है। माफिया पट्टे की जमीन पर छोटे.छोटे भूखंड कर खरीदारों को बेच रहे हैं। 200 से अधिक रजिस्ट्री प्लाटिग कर खरीदारों के नाम की जा चुकी हैं। सैकड़ों की संख्या में खरीदारों ने मकान बनाकर रहना भी शुरू कर दिया है। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड एनपीसीएल के अधिकारियों से मिलीभगत कर उन्हें बिजली कनेक्शन भी मुहैया कराया जा चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध कालोनी का यह पूरा खेल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के निचले स्तर के अफसरों और कुछ नेताओं की मिलीभगत से खूब फलफूल रहा है।