
चौधरी केसरी सिंह ‘गुर्जर’ की द्वितीय पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी – 244 गांवों में पंचायत चुनाव की मांग तेज

✍️ मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
राष्ट्रीय देहात मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक न्याय के प्रखर योद्धा स्व. चौधरी केसरी सिंह ‘गुर्जर’ (1935–2025) की द्वितीय पुण्यतिथि पर रविवार को परी चौक स्थित अखिल भारतीय गुर्जर संस्कृति शोध संस्थान में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
विषय रहा – “लोकतंत्र के अंधेरे में: जरूरी सेवा-सुविधाओं से वंचित गौतमबुद्ध नगर की 244 ग्राम पंचायतों में पंचायत चुनाव की जरूरत”।
गोष्ठी में राष्ट्रीय देहात मोर्चा, किसान संगठनों और सामाजिक संगठनों से जुड़े बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और सर्वसम्मति से पंचायत चुनाव की बहाली की मांग उठाई।

श्रद्धांजलि और मांग
इस अवसर पर पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर ने कहा कि पंचायत चुनाव न होने से ग्रामीण जनता अपने अधिकारों से वंचित है। स्थानीय लोगों को प्रतिनिधित्व मिलना लोकतंत्र की आत्मा है।
एडवोकेट महेंद्र अवाना ने कहा कि किसानों को उचित मुआवजा न देना पड़े, इस कारण पंचायत चुनाव रोके गए हैं। यह न केवल अन्याय है बल्कि लोकतंत्र की भी हत्या है।
राष्ट्रीय देहात मोर्चा के अध्यक्ष राव संजय भाटी ने स्पष्ट कहा कि गौतमबुद्ध नगर के 244 गांवों को वर्षों से संवैधानिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार तुरंत पंचायत चुनाव बहाल नहीं करती तो आंदोलन छेड़ा जाएगा।

सामूहिक स्वर
गोष्ठी को संबोधित करने वालों में एडवोकेट रामसरन नागर, जयकुमार भाटी, एडवोकेट अजीत सिंह खेड़ी, मनवीर भाटी, सुबेराम डाबरा, बाबू सिंह आर्य, मंतराम नागर, सतपाल चौधरी, अवनीश भाटी बिसरख, दीपक शर्मा, कुलदीप भाटी, विकास चौधरी भनोता, डॉ. मांगेराम, पूर्व प्रमुख करमवीर नागर, वीरेंद्र नागर मिलक लच्छी, कुलदीप भाटी अक्षय चौधरी बिसरख, पंकज अवाना, गौरव लोहिया, श्यामवीर भाटी, चौ. भीम सिंह सिरसा, चौ. जयकरण खेड़ी समेत अनेक वक्ताओं ने पंचायत चुनाव की मांग को अपना समर्थन दिया।

संचालन व अध्यक्षता
कार्यक्रम का संचालन देवराज नागर बादलपुर ने किया जबकि अध्यक्षता समाजसेवी सुखबीर आर्य तिलपता ने की।
इस मौके पर चौधरी भीम सिंह सिरसा, श्रीमती कुमुद, श्रीमती अलका, के.के. शर्मा, डॉ. अरविंद नागर, रकम राठी, भगत सिंह, अभिषेक खटाना समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

गोष्ठी का निष्कर्ष रहा कि पंचायत चुनाव बहाली की मांग को लेकर जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन किया जाएगा।