
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर
थाना साइबर क्राइम नोएडा पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट और सरकारी एजेंसी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर 14,05,300 रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के एक मुख्य आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। यह कार्यवाही साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र की गई।
ठगी का तरीका: डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर वसूली
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने स्वयं को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताते हुए एक महिला पीड़िता को अवैध विज्ञापन और उत्पीड़न (harassment) का आरोप लगाते हुए डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी। आरोपी ने वीडियो कॉल और फर्जी दस्तावेज़ों के माध्यम से पीड़िता को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर विभिन्न खातों में ₹14,05,300 ट्रांसफर करवाए।
इस संबंध में दिनांक 26 मई 2025 को थाना साइबर क्राइम नोएडा में पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था (मुकदमा संख्या: 0046/2025)। धारा 308(2), 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2) BNS और IT एक्ट की धारा 66 व 66D के अंतर्गत मामला पंजीकृत किया गया था।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
गिरफ्तार आरोपी संदीप कुमार, पुत्र अशोक कुमार, निवासी विजय नगर, बवाना (उत्तर-पश्चिम दिल्ली), ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर यस बैंक में फर्जी खाता खुलवाया था। पीड़िता से प्राप्त पूरी राशि इसी खाते में जमा कराई गई थी।
एनसीआरपी पोर्टल पर आरोपी द्वारा खोले गए खाते से अब तक कुल 21 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिससे इस साइबर गिरोह की व्यापकता का संकेत मिलता है। पुलिस ने उक्त खाते को तत्काल प्रभाव से फ्रीज़ कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है। घटना में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की तलाश भी जारी है।

🔐 साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता सुझाव – ADCP साइबर, मनीषा सिंह
- सरकारी अधिकारी बनने का दावा करने वाले WhatsApp कॉल पर विश्वास न करें — कोई भी सरकारी संस्था हवाला, मनी लॉन्ड्रिंग या गिरफ्तारी की सूचना कॉल के माध्यम से नहीं देती।
- वीडियो कॉल में दिखाई गई पुलिस वर्दी फर्जी हो सकती है — संबंधित अधिकारी के नाम व नंबर को गूगल या अधिकृत वेबसाइट पर जरूर सत्यापित करें।
- पार्सल/कोरियर/CBI/Narcotics जैसी संस्थाओं की धमकी पर न घबराएं — किसी भी सूचना की पुष्टि पहले करें।
- किसी भी कॉल में अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक डिटेल्स या OTP शेयर न करें।
- यदि आपसे पैसे की मांग की जाए, तो तुरंत परिवार के सदस्यों या पुलिस को सूचित करें।
- बिना जानकारी के किसी लिंक पर क्लिक न करें, और किसी संदिग्ध ट्रांजैक्शन की सूचना तत्काल साइबर सेल को दें।

साइबर अपराध की नई परतों को उजागर करती, घटना
यह घटना साइबर अपराध की नई परतों को उजागर करती है, जहाँ तकनीक और मनोवैज्ञानिक दबाव का सहारा लेकर लोगों से ठगी की जा रही है। पुलिस की तत्परता ने समय रहते बड़ा नुकसान होने से रोका है, लेकिन यह आवश्यक है कि आमजन जागरूक रहें और किसी भी डिजिटल धमकी या भ्रम में आए बिना तत्काल अधिकृत चैनलों से संपर्क करें।