रुस्तमपुर गांव निवासी समाजसेविका एडवोकेट अर्चना सिंह ने किसानों की फसल बर्बाद होने पर संबंधित अधिकारियों को आडे हाथों लिया
किसानों की फसल बर्बाद होने की सूचना काफी दिन से मिल रही थी और इस बारे में पहले भी संबंधित अधिकारियों को अवगत करा दिया गया था, लेकिन अधिकारियों के टालमटोल वाले रवैया के वजह से गांव के किसानों में रोष बढ़ता ही जा रहा था। इस बार पूरी सख्ती के साथ संबंधित अधिकारियों से छुट्टे जानवरों को पकड़वाए जाने की बात कही गई,तो इन्हे गाड़ी में भरकर गौशाला में पहुंचवाया गया:–समाजसेविका एडवोकेट अर्चना सिंह
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / यीडा सिटी
दनकौर- रबूपुरा क्षेत्र के रुस्तमपुर गांव में किसानों की फसल को छुट्टे जानवर चट कर चुके हैं। इससे किसान परेशान है। वही यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से लेकर गौतमबुद्धनगर के जिम्मेदार अधिकारी इन छुट्टे जानवरों से किसानों की फसलों की रखवाली के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहे हैं। शासन के सूत्र दावा करते हैं कि इस तरह खुले घूमने वाले इन जानवरों के चारे और पानी के लिए सरकार की ओर से भली प्रकार की व्यवस्था की गई है। यहां तक की गौशालाओं में इनके संरक्षण के लिए भी सरकार की ओर से विशेष प्रावधान किए गए हैं। लेकिन यह नियम और कायदे कागजों में धूल फांक रहे हैं। ताजा मामला दनकौर- रबूपुरा क्षेत्र के रुस्तमपुर गांव से निकाल कर आ रहा है। यहां गांव में दर्जनों की संख्या में गाय और गौवंश चारे और पानी के अभाव में इधर-उधर मारे-मारे फिर रहे हैं। गांव की सड़कों से लेकर यह बेजुबान किसानों के खेतों तक पेट की आग बुझाने के लिए भटकते हुए देखे जाते हैं। नाली और कूड़े के ढेर से यह जानवर कई बार तो पॉलिथीन तक निगल डालते हैं। गांव के किसानों के खेतों की बात करें तो बड़ी संख्या में फसलों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। रुस्तमपुर गांव निवासी समाजसेविका एडवोकेट अर्चना सिंह ने किसानों की फसल बर्बाद होने पर संबंधित अधिकारियों को आडे हाथों लिया है। इस बात की सूचना उन्होंने गौतमबुद्धनगर के संबंधित अधिकारियों समेत यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों को दी। तब आनन फानन में संबंधित अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर इन छुट्टे जानवरों को इकट्ठा कर फलैदा और दनकौर की गौशाला में पहुंचाया।
समाजसेविका एडवोकेट अर्चना सिंह ने “विजन लाइव” को बताया कि गांव के किसानों की फसल बर्बाद होने की सूचना काफी दिन से मिल रही थी और इस बारे में पहले भी संबंधित अधिकारियों को अवगत करा दिया गया था, लेकिन अधिकारियों के टालमटोल वाले रवैया के वजह से गांव के किसानों में रोष बढ़ता ही जा रहा था। इस बार पूरी सख्ती के साथ संबंधित अधिकारियों से छुट्टे जानवरों को पकड़वाए जाने की बात कही गई,तो इन्हे गाड़ी में भरकर गौशाला में पहुंचवाया गया।