आर्य सागर खारी
पिछले माह सूचना के अधिकार के तहत पूछा था कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधीन 100 से अधिक नोटिफाइड गांवों में मच्छर रोधी दवा के छिड़काव फागिंग पर कितनी धनराशि खर्च की गई कहां-कहां छिड़काव कितनी खपत हुई इसका विवरण मांगा था।आज मिला प्राधिकरण का जवाब देखिये प्राधिकरण ने जिला मलेरिया विभाग/जैम पोर्टल से दवाई खरीदी पेट्रोल पंप से फॉगिंग के लिए पेट्रोल खरीदा इस कार्य के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी से कर्मचारी भी लिए लेकिन प्राधिकरण के पास इस पूरे कार्य में कुल कितनी धनराशि कहां-कहां खर्च हुई इसका कोई विवरण नहीं है।
इन गांवों में ठोस कचरे के संग्रह निपटारा की कोई व्यवस्था न होने के कारण व जल भराव के कारण मच्छर जनित बीमारियों का जबरदस्त प्रकोप है। प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग कि भ्रष्ट गैर जिम्मेदार कार्यशैली पर कोई अंकुश नहीं है ना ही कभी इस विभाग का ऑडिट होता है। मच्छर रोधी दवा फॉगिंग के नाम पर दशकों से घोटाला चल रहा है।
खैर इन भ्रष्टाचारियों का ईश्वर तो न्याय करेगा ही नाली का अंधकार लोक ऐसे ही भ्रष्ट अधिकारियों ठेकेदारों के लिए इस मृत्युलोक में भगवान ने बनाया है ,यह मच्छर बनेंगे हजारों वर्षों तक शास्त्र प्रमाण है इसमें।
लेखक:- आर्य सागर खारी आरटीआई कार्यकर्ता, चिंतक व विचारक ,तिलपता ,ग्रेटर नोएडा है।