
बैंड-बाजों की गूंज और झांकियों के माध्यम से दिया गया शिक्षा, संगठन और संघर्ष का संदेश

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/सूरजपुर
संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में सूरजपुर में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा की शुरुआत डॉ. आंबेडकर भवन से की गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। बैंड-बाजों की मधुर धुनों और आकर्षक झांकियों के साथ निकली यह यात्रा पूरे क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बनी रही।

भव्य यात्रा, जनसैलाब और सामाजिक संदेश
शोभायात्रा मोहन मंदिर वाली गली, दादरी में रोड, लखनावली रोड, पुराना बाजार होते हुए पुनः डॉ. आंबेडकर भवन पर जाकर संपन्न हुई। इस दौरान “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” जैसे प्रेरणादायी नारों और संदेशों से वातावरण गुंजायमान रहा। झांकियों के माध्यम से बाबा साहेब के जीवन, संघर्ष और संविधान निर्माण में उनके योगदान को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया।


सम्मानित वक्ताओं ने रखे विचार
शोभायात्रा के दौरान आयोजित सभा में सूरजपुर के पूर्व प्रधान टेकचंद सिंह, एडवोकेट धर्मपाल सिंह, सूरजपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेश शर्मा, संरक्षक डॉ. धनीराम देवधर, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल और रघुवीर जेसीबी ने अपने विचार रखे।
एडवोकेट धर्मपाल सिंह ने बताया कि, “यह शोभायात्रा बाबा साहेब के सिद्धांतों और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम है। समाज को शिक्षित और जागरूक बनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।”


भव्य स्वागत और पुष्पवर्षा
यात्रा मार्ग में जगह-जगह व्यापार मंडल के पदाधिकारियों और स्थानीय निवासियों द्वारा यात्रियों का पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। व्यापार मंडल के संरक्षक डॉ. धनीराम देवधर, अध्यक्ष महेश शर्मा, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल, योगेश अग्रवाल, पवन जिंदल उर्फ लाल पन्नी जिंदल, भाई केडी गुर्जर, पंडित राजेश ठेकेदार, हरिकिशन, राम अवतार गर्ग सहित कई गणमान्य लोगों ने शोभायात्रा में सहभागिता कर श्रद्धा प्रकट की।

सामाजिक समरसता का उदाहरण बनी शोभायात्रा
यह शोभायात्रा न केवल बाबा साहेब के विचारों को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास थी, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता का भी उदाहरण बनी। सभी वर्गों के लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया और बाबा साहेब के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।