आयुषमान भारत योजना को अफसरों का पलीता
पीएम, सीएम से लेकर डीएम को लिखे गए पत्र से स्वास्थ्य विभाग में हडकंप-सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबूओं की करीब 152 हॉस्पिटलों से सांठ गांठ
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
प्रधानमंत्री की आयुषमान भारत योजना को अफसर ही पलीता में लगने में जुटे हुए है। जिले के करीब 152 हॉस्पिटलों में आयुषमान भारत योजना के तहत 5 लाख रूपये का इलाज दिलाए जाने की बात कही जा रही है। इन हॉस्पिटलों मेंं से ज्यादातर ऐसे हैं जिनकी सांठ गांठ सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबुओं से हैं। शेयर के हिसाब से भुगतान जारी किया जाता है। ऐसे हॉस्पिटल जिनकी सांठ गांठ नही होती है वे, सरकारी भुगतान के लिए इधर उधर भटकते रहते हैं। यही कारण है कि ये हॉस्पिटल आयुषमान भारत योजना के कार्डरधारक को या तो भर्ती करने में आनाकानी करते हैं और यदि भर्ती कर भी लिया जाता है, तो माकूल इलाज न देते हुए सिर्फ खानापूर्ति कर टरका दिया जाता है। यह तमाम खुलासे पीएम और सीएम से लेकर डीएम गौतमबुद्धनगर को लिखे गए पत्र में किए गए हैं। आयुषमान भारत योजना के तहत जरूरमंदों को लाभ दिलवाने की कडी में दनकौर निवासी ठाकुर भूपेंद्र सिंह भाटी पुत्र स्व समय सिंह (उम्र 66 वर्ष) ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अवगत कराया है कि आयुषमान योजना के तहत सरकार की मंशा के अनुरुप जरुरतमदों को लाभ नही मिल पा रहा है। आयुषमान भारत योजना की राह में अफसर ही रोड़ा साबित हो रहे है। प्राइवेट सेक्टर के कुछ हासिपटल संचालकों को और Health विभाग के अफसरो के बीच गहरी सांठ गांठ के चलते हुए आषुमान चिकितसा /Medical योजना धराशायी साबित हो रही है। इनमें कुछ Pvt. Sector के Hospital के संचालक भी दबी जवान से कहते हुए सुने जाते है ।इलाज के मद्दे नजर सरकार की ओर से Hospitals को मिलने वाला पैसा कमीशन खोरी की भेंट चढ़ जाता है।
यही कारण है कि जयादतर Pvt. Sector के Hospitals आयुषमान भारत योजना के लाभर्थोओ को इलाज देने से कतराते हुये देखे जाते है। उत्तर प्रदेश के जिला गौतमबुद्धनगर में इसी तरह का खेल भी जम कर किया जा रहा है जिसके चलते जयादातर Pvt Sectors के Hospitals मरीजो को इलाज देने के बजाय टरका देते है । गौतमबुद्दनगर जिला Education Hub के साथ साथ अब Medical Hub भी बनता जा रहा है यहाँ पर करीब आधा दर्जन Universities के साथ साथ तीन मेडिकल कालिज भी सचांलित है और दर्जनो की सख्या में नसिंग होम व Private hospitals सचालितं है। आयुषमान भारत योजना के तहत लाभ के रास्ते में अफसर रोड़ा बने हुए हैं, ऐसा ही एक मामला खुद प्रार्थी के साथ उस समय हुआ जब प्रार्थी Pandit Deendayal Upadhyay Rajya Karamchari Cashless Chikitsa Yojana के तहत इलाज की जरूरत महसूस हुई। दिनांक 12.6.2023 को ग्रेटर नोयडा के निजी Hospital में भर्ती होना पड़ा जहाँ मुझे Sufficient Medical सुविधा नहीं उपलबध हुई। उपरोकत प्रकरण में प्रार्थी Senior Citizen हेतू निम्म सुझाव प्रेषित करते हुए निवेदन करता हैं कि आयुषमान भारत योजना का लाभ जरुरत मदो को दिलवाने की क्रपा करेगेः-
- Ambulance Facility
2.Assistant Facility
3 private Room
4.To provide power of complaints against the employee of hospital.
5.Need to discharge according to card holder choice or not illness ok until.
6.Any approved Hospital will not refuse for admission of card hlders
7.Any other facilities if compulsary.
8.All above expenses will be deducted from Ayshman Card Value.
To provide the invoice/bill for the deducted amount of every Mediclaim transaction.
9.Each bill should be singed by the card holder.
पत्र की प्रतियां पंजीकृत डाक के जरिए प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली, मुख्यंत्री उत्तर प्रदेश, उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश, चीफ एग्जुकेटिव ऑफिसर पंडित दीन दयाल राज्य कर्मचारी केसलैस योजना लखनउ और गौतमबुद्धनगर डीएम को भेजी गई हैं।