
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की उदासीनता पर आयोजन समिति का फूटा गुस्सा

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा,
सूरजपुर में ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बाराही मेला-2025 इस बार भी हजारों श्रद्धालुओं और दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लेकिन मेले की रौनक के बीच व्यवस्थाओं की बदहाली ने स्थानीय प्रशासन और प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मेले में जाने वाले मुख्य मार्ग पर नालियों के अटने से भयंकर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। बारिश न होने के बावजूद सड़कों पर गंदा पानी जमा है, जो जगह-जगह कीचड़ और फिसलन में तब्दील हो गया है। इससे मेला देखने जा रहे पैदल श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाएं, बुज़ुर्ग और बच्चे गंदे पानी से होकर निकलने को मजबूर हैं।

आयोजन समिति ने जताया रोष
बाराही मेले का आयोजन करने वाली संस्था ‘शिव मंदिर सेवा समिति’ के महामंत्री ओमवीर बैसला ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा, “हमने मेले से पहले कई बार प्राधिकरण को ज्ञापन दिए, कॉल की, मेल की, लेकिन नालियों की सफाई तक नहीं कराई गई। अधिकारी जैसे कुंभकरणी नींद में सोए हैं। जनता की परेशानी से उन्हें कोई सरोकार नहीं।”
बैसला ने यह भी कहा कि एक ओर सरकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर अफसरशाही ऐसी घटनाओं से उन प्रयासों को ठेंगा दिखा रही है।

स्थानीय लोगों में भी आक्रोश
मेला मार्ग से लगे मोहल्लों के निवासियों ने बताया कि नालियों की सफाई न होने के कारण गंदगी बढ़ती जा रही है। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “हर साल मेला होता है, लेकिन कभी सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह मेला क्षेत्र की शान है, लेकिन अफसरों को इसकी परवाह नहीं है।”

श्रद्धालुओं की आस्था पर पानी फेरती व्यवस्था
बाराही मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। हर वर्ष दूर-दूर से श्रद्धालु बाराही माता के दर्शन के लिए आते हैं। परंतु इस बार की अव्यवस्था ने न केवल मेले की गरिमा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था पर भी पानी फेर दिया है।

जल्द सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन की चेतावनी
महामंत्री ओमवीर बैसला ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल रूप से नालियों की सफाई और जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई, तो समिति आंदोलन करने पर मजबूर होगी। उन्होंने कहा कि समिति जनहित में किसी भी स्तर पर संघर्ष को तैयार है।