खुलासा आबादी लीज घोटालाः— लीज और म्यूटेशन फर्जीवाडे में अफसर घिरे

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

 एस0आई0टी0 जांच में फर्जीवाडा, तत्कालीन मुख्य कार्यापालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा के दिनांक 24/01/2018 के आदेशों पर पर्दा डाला

लीज घोटाला
लीज घोटाला

एक सफेदपोश समेत 2 लोगों ने इस जमीन को करीब 34 करोड रूपये में खरीद लिया,  खबर यहां तक मिल रही है कि इन खरीद्दारों ने बगैर प्राधिकरण से नक्शा पास कराए ही इस जमीन पर 2 मंजिला मार्केट भी खडी कर दी

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आबादी लीज बैक घोटाला प्रकाश में आया है। इस वक्त ही यह बडी खबर ग्राम बिसरख जलालपुर से निकल कर आ रही है। कृषि योग्य भूमि को आबादी दिखाया और फिर लीज कर दी गई। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों ने एक कदम बढते हुए लीज की गई इस भूमि का म्यूटेशन तक कर दिया। बगैर नक्शा पास कराए ही उक्त भूमि पर खरीद्दारों ने 2 मंजिला मार्केट तक बना डाली है।

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 2192 प्रकरण आबादी के हैं, जिनकी 1451 प्रकरणों में शासन ने दिनांक 28/09/2021 को पूर्णतया अक्षरसः पालन करते हुए लीज बैक करने के आदेश दिए थे। इनमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों द्वारा फर्जीवाडा किया जा रहा है। शासनादेश 24/04/2010 से अच्छादित 1451 प्रकरणों में से एक ताजा उदाहरण ग्राम बिसरख जलालपुर का भी दिया जा रहा है। ग्राम बिसरख जलालपुर में खसरा सं0-829 में 0.5160 हैक्टयर की लीज दिनांक 10/12/2014 को श्रीमती ब्रिजेश पुत्री सूखा के पक्ष में फर्जी तरीके से की गई। इस बात की शिकायत एस0आई0टी0 कमेटी के चेयरमैन डा0 अरूणवीर सिंह से की गई और जिन्होंने इस मामले को बेहद गंभीर प्रकृति का मानते हुए जांच किए जाने के आदेश दिए। इस जांच में बहुत बडा फर्जीवाडा पाया गया। जांच के बाद दिनांक 24/01/2018 को तत्कालीन मुख्य कार्यापालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा फर्जी लीज निरस्त करते हुए इस मामले में लिप्त और दोषी अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराए जाने के आदेश दिए गए।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

किंतु इसके उलट एस0आई0टी0 जांच में फर्जीवाडा, तत्कालीन मुख्य कार्यापालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा के दिनांक 24/01/2018 के आदेशों पर पर्दा डाल दिया गया और 1451 में उक्त प्रकरण को सही ठहरा कर सन 2024 में मृतक श्रीमती ब्रिजेश के वारिसान महेश, रूबी, रितिक व विनय के नाम म्यूटेशन कर दिया गया। बताया तो यह भी गया है कि एक सफेदपोश समेत 2 लोगों ने इस जमीन को करीब 34 करोड रूपये में खरीद लिया है। खबर यहां तक मिल रही है कि इन खरीद्दारों ने बगैर प्राधिकरण से नक्शा पास कराए ही इस जमीन पर 2 मंजिला मार्केट भी खडी कर दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सीएम दरबार पहुंचा बिसरख जलालपुर का लीज फर्जीवाडा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तहत प्रकाश में आया बिसरख जलालपुर का यह लीज फर्जीवाडा सीएम योगी के दरबार में पहुंच गया है। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के किसानों ने एक शिकायत पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात भ्रष्ट अफसरों का कच्चा चिट्ठा खोला है। इन किसानों ने मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र में अवगत कराया है कि गंभीर प्रकृति के इस प्रकरण में किस तरह  मुख्य कार्यापालक अधिकारी के दिनांक 24/01/2018 को एक एसीईओ और ओएसडी ने छुपाया तथा नियमों का ताक पर रखते हुए म्यूटेशन कर दिया? किसानों ने यह भी अवगत कराया कि पहले भी उक्त प्रकरणों की शिकायत इन संबंधित अधिकारियों के समक्ष की जा चुकी है मगर, गर्दन फंसी होने के चलते हुए शिकायतों को ही गायब करा दिया गया है। किसानों ने पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की है कि लीज और म्यूटेशन फर्जीवाडा प्रकरण की जांच करवाते हुए लिप्त रहे एसीईओ और ओसीडी के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की जावे, क्योंकि इससे पहले भी ऐसे दर्जनों प्रकरणों को अंजाम दिया जा चुका है।

करोडों का खेल
करोडों का खेल

नेताओं और अफसरों की जुबलबंदी के बीच करोडों का खेल

हैरत तो यह है कि जांच में बहुत बडा फर्जीवाडा पाया गया। जांच के बाद दिनांक 24/01/2018 को तत्कालीन मुख्य कार्यापालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा फर्जी लीज निरस्त करते हुए इस मामले में लिप्त और दोषी अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराए जाने के आदेश दिए। किंतु इसके उलट एस0आई0टी0 जांच में फर्जीवाडा, तत्कालीन मुख्य कार्यापालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा के दिनांक 24/01/2018 के आदेशों पर पर्दा डाल दिया गया और 1451 में उक्त प्रकरण को सही ठहरा कर सन 2024 में मृतक श्रीमती ब्रिजेश के वारिसान महेश, रूबी, रितिक व विनय के नाम म्यूटेशन कर दिया गया।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि एक सफदेपोश नेता जो जिले की एक विधानसभा सीट से चुनाव में अपनी किस्मत भी आजमा चुका है,जुगलबंदी अफसरों से हुई। नेता और अफसरों की जुगलबंदी में करीब ढाई करोड रूपये इधर से उधर किए गए। बताया तो यहां तक भी जा रहा है कि म्यूटेशन एक्सप्रेस को लाईन पर चलवाने वाले इस नेता ने करीब 1 करोड रूपया और उक्त जमीन में से 1 बीघा जमीन तक अपने हिस्से में डलवा लीं।

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