3 साल और अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान
Vision Live/New Delhi
पेपर लीक के मामले में घिरी सरकार ने नया फैसला लिया है। सभी सार्वजनिक परीक्षाओं में ज्यादा पारदर्शिता लाना और प्रतिस्पर्धा कर रहे युवाओं को गड़बड़ी नहीं होने के लिए आश्वस्त करना है। सरकार ने इसी साल फरवरी में नया कानून बनाया थाण् परीक्षा में नकल और पेपर लीक रोकने के लिए इसमें कड़े कानून का प्रावधान है। इस एंटी पेपर लीक कानून का उद्देश्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी की जांच करना है।
पेपर लीक और परीक्षा में धांधली को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। सरकार ने शुक्रवार देर रात इसकी अधिसूचना जारी की। इस कानून के मुताबिक पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है। इसे 10 लाख रुपये जुर्माना और 5 साल की जेल तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं, परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर के दोषी पाए जाने पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना होगा। किसी गड़बड़ी में एग्जाम सेंटर की भूमिका पर उसे 4 साल तक के लिए सस्पेंड किया जा सकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग 4 महीने पहले पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स)एक्ट 2024 को मंजूरी दी थी। कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। इसमें कहा गया कि कानून के प्रावधान 21 जून से लागू हो जाएंगे। इसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है। जितने भी बड़ी परीक्षाएं हो रही हैं, उनमें कोई गड़बड़ी नहीं हो और ज्यादा पारदर्शिता बनी रहे, यह आश्वस्त करना है।
जब फरवरी में कानून बना था तो क्या NEET परीक्षा में गड़बड़ी करने देने के लिए अभी तक लागू नहीं किया था ? कानून बनाते हो लागू क्यों नहीं किया ? अब तो सरकार में बैठे लोगों पर शक और पुख्ता हो गया है । इसकी न्यायिक जांच होनी ही चाहिए । ये भ्रष्ट लोग मर्यादा पर चलें और तब मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की जय बोलें ।
मैने यह उपरोक्त कॉमेंट आज दोपहर 02 बजे (14:00 बजे) लिखा था लेकिन इसमें 08:31 AM दिखा रहा है । Visionlive जी आप भी घड़ी का समय तो ठीक कर लो ।