आई. टी. एस. इंजीनियरिंग कॉलेज, ग्रेटर नोएडा में माँ भगवती की भव्य चौकी

माता की चौकी का आयोजन किया गया
माता की चौकी का आयोजन किया गया

आई. टी. एस. एजुकेशन ग्रुप के प्रत्येक परिसर में माता की चौकी के अयोजन की परंपरा 1995 से चली आ रही है व इसका निर्वहन इंजीनियरिंग कॉलेज में 2005 से किया जा रहा है

Vision Live/Greater Noida

आई. टी. एस. इंजीनियरिंग कॉलेज ग्रेटर नोएडा में परंपरा अनुसार माता की चौकी का आयोजन किया गया। आई. टी. एस. एजुकेशन ग्रुप के प्रत्येक परिसर में माता की चौकी के अयोजन की परंपरा 1995 से चली आ रही है व इसका निर्वहन इंजीनियरिंग कॉलेज में 2005 से किया जा रहा है। आई. टी. एस. कालेज की परंपरा है कि प्रत्येक सैक्षणिक सत्र के आरंभ में माता का आशीर्वाद लेने के लिए माता की चौकी का अयोजन किया जाता है। इस अवसर पर मां दुर्गा के भव्य पंडाल में मां वैष्णो के साथ श्री गणेश जी, शिव जी, श्री राधा कृष्ण, भगवान श्री राम एवं हनुमान जी की अद्भुत एवं मनमोहक मूर्तियों की स्थापना की गई। चौकी का शुभारंभ कॉलेज के चेयरमैन डॉ0 आर. पी. चड्ढा, वाइस चेयरमैन श्री शोहिल चड्ढा व   अर्पित चड्ढा एवं कालेज के डायरेक्टर डॉ0 मयंक गर्ग तथा विभिन्न विभाग अध्यक्षों द्वारा माता के पूजन एवं आराधना से हुआ। इस अवसर पर पूरा  कॉलेज  परिसर भजन एवं जय माता दी के तारों से गूंज उठा। इस के साथ ही सभी भक्तों ने एक और में माता के प्रचलित भजन चलो बुलावा आया है को गाया एवं मां की भक्ति में सराबोर हो गए। माता की चौकी में सभी विद्यार्थियों नवागंतुक विद्यार्थियों के माता-पिता एवं ग्रेटर नोएडा के गणमान्य व्यक्ति सह परिवार आमंत्रित किए गए।

कॉलेज  परिसर भजन एवं जय माता दी के तारों से गूंज उठा
कॉलेज  परिसर भजन एवं जय माता दी के तारों से गूंज उठा

इस अवसर पर कॉलेज के विद्यार्थियों ने माता वैष्णो देवी से उज्जवल भविष्य के लिए पूजा अर्चना कर कर आशीर्वाद लिया वह विद्यार्थियों के माता-पिता एवं अभिवावकगण ने भी मां के चरणों में नमन करते हुए अपने एवं अपनी संतान की सद्बुद्धि एवं उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की। कार्यक्रम के अंत में संस्थान परिवार के सभी सदस्यों ने अपने आगंतुक एवं अतिथियों के साथ मां की आरती में हिस्सा लिया एवं आशीर्वाद स्वरुप माता का प्रसाद ग्रहण किया परिणाम कार्यक्रम का समापन संस्था के सभी शिक्षकों विद्यार्थियों स्टाफ एवं आगंतुकों के प्रसाद ग्रहण के साथ संपन्न हुआ

 

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