’’विजन लाइव’’ ने खुलासाः- आयुषमान भारत योजना कमीशनखोरी की भेंट चढी, शीर्षक से खबर प्रसारित करते हुए एक ऑपरेशन शुरू किया था
सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबूओं की करीब 152 हॉस्पिटलों से सांठ गांठ का मामला अफसरांं की गले की हड्डी बना
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर में प्रधानमंत्री की आयुषमान भारत योजना के कमीशनखोरी की भेंट चढ जाने की मामले की जांच शुरू हो गई है। ’’विजन लाइव’’ ने खुलासाः- आयुषमान भारत योजना कमीशनखोरी की भेंट चढी, शीर्षक से खबर प्रसारित करते हुए एक ऑपरेशन शुरू किया था। इसका असर इतना हुआ है कि गौतमबुद्धनगर में प्राईवेट हॉस्पिटल और सरकारी स्वास्थ्य महकमे के बीच जुगलबंदी के चलते हुए प्रधानमत्री आयुषमान भारत योजना के तहत जिस प्रकार कई तरह की अनियमितताएं और जरूरतमंदों को परेशानी उठानी पड रही है, पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। गौतमबुद्धनगर की बात करें तो यहां पर एजुकेशन हब के साथ साथ जिस प्रकार तीन मेडिकल कॉलेज और कई पैरामेडिकल कॉलेज है। इसके साथ ही यहां पर दर्जनों की संख्या में मेडिकल रिसर्च सेंटर और प्राईवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम संचालित हैं, मेडिकल हब के रूप में भी पहचान हो रही हैं। इन सबके बावजूद सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं यहां पर चरमाई हुई है यह भी जगजाहिर है। आम वर्ग के लोग महंगे प्राईवेट हॉस्पिटलों के बजाय सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर ही ज्यादा निर्भर है। सरकार द्वारा आम लोगों के लिए कई तरह की स्वास्थ्य सेवा योजनाएं चलाई जा रही है। इनमें प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजना में भी एक हैं। गरीब ऐसे लोग जिनका नाम बीपीएल सूची में दर्ज रहा है, उन्हेंं प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजनाएं के लिए पात्र माना जाता है। इसके अलावा सरकारी सेवारत लोगों के लिए भी आयुषमान भारत की योजना की तर्ज पर कई तरह की सुविधाएं देने का प्रावधान है।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत सरकारी सेवारत लोगों और उनके परिजनों को 5 लाख रूपये तक की चिकित्सा सेवा प्रदान किए जाने का प्रावधान है। गौतमबुद्धनगर में प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजना के जरूरमंदों के द्वारा अनियमितताएं और कई तरह की सुविधाएं न दिए जाने के मामले छाये रहे हैं। बीत दिनों गौतमबुद्धनगर भाजपा द्वारा महाजनसंपर्क अभियान के दौरान ग्रेटर नोएडा में प्रेस वार्ता हुई तो मीडिया द्वारा यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। उस समय मीडिया द्वारा सवाल किया गया था कि गौतमबुद्धनगर में प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजना के लाभार्थियों को सुविधाएं या तो दी ही नही जा रही है या फिर आनाकानी की जा रही है। यहां तक की कई हॉस्पिटलों के संचालकों द्वारा तो प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजना के कार्डो को ही फर्जी करार तक दे दिया जाता है। मीडिया के सवालों का जवाब जब उस समय पूर्व केंद्रीय मंत्री व सासंद डा0 महेश शर्मा दे रहे थे, तभी राज्य सभा सासंद सुरेंद्र नागर ने इस मामले को लोकल इश्यू कह कर पल्ला झाड लिया था।
आयुषमान भारत योजना के कमीशनखोरी की भेंट चढ जाने का मामला उस समय ज्यादा सुर्खियों में आया-
प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजना के कमीशनखोरी की भेंट चढ जाने का मामला उस समय ज्यादा सुर्खियों में आया जब दनकौर के झाझर रोड निवासी ठाकुर भूपेंद्र सिंह भाटी पुत्र स्व0 श्री समय सिंह भाटी ने इस पूरे मामले की शिकायत प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर की। शिकायतकर्ता ठाकुर भूपेंद्र सिंह भाटी ने प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में खुलासा किया कि प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजना को अफसर ही पलीता में लगने में जुटे हुए है।
जिले के करीब 152 हॉस्पिटलों में आयुषमान भारत योजना के तहत 5 लाख रूपये का इलाज दिलाए जाने की बात कही जा रही है। इन हॉस्पिटलों मेंं से ज्यादातर ऐसे हैं जिनकी सांठ गांठ सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबुओं से हैं। शेयर के हिसाब से भुगतान जारी किया जाता है। ऐसे हॉस्पिटल जिनकी सांठ गांठ नही होती है वे, सरकारी भुगतान के लिए इधर उधर भटकते रहते हैं। यही कारण है कि ये हॉस्पिटल आयुषमान भारत योजना के कार्डरधारक को या तो भर्ती करने में आनाकानी करते हैं और यदि भर्ती कर भी लिया जाता है, तो माकूल इलाज न देते हुए सिर्फ खानापूर्ति कर टरका दिया जाता है। यह तमाम खुलासे प्रधानमंत्री और यहां तक की मुख्यमंत्री से लेकर डीएम गौतमबुद्धनगर को लिखे गए पत्रों करते हुए कहा गया कि आयुषमान योजना के तहत सरकार की मंशा के अनुरुप जरुरतमदों को लाभ नही मिल पा रहा है। आयुषमान भारत योजना की राह में अफसर ही रोड़ा साबित हो रहे है। प्राइवेट सेक्टर के कुछ हासिपटल संचालकों को और Health विभाग के अफसरो के बीच गहरी सांठ गांठ के चलते हुए आषुमान चिकितसा /Medical योजना धराशायी साबित हो रही है। इनमें कुछ Pvt. Sector के Hospital के संचालक भी दबी जवान से कहते हुए सुने जाते है ।
इलाज के मद्दे नजर सरकार की ओर से Hospitals को मिलने वाला पैसा कमीशन खोरी की भेंट चढ़ जाता है। यही कारण है कि जयादतर Pvt. Sector के Hospitals आयुषमान भारत योजना के लाभर्थोओ को इलाज देने से कतराते हुये देखे जाते है। उत्तर प्रदेश के जिला गौतमबुद्धनगर में इसी तरह का खेल भी जम कर किया जा रहा है जिसके चलते जयादातर Pvt Sectors के Hospitals मरीजो को इलाज देने के बजाय टरका देते है । गौतमबुद्दनगर जिला Education Hub के साथ साथ अब Medical Hub भी बनता जा रहा है यहाँ पर करीब आधा दर्जन Universities के साथ साथ तीन मेडिकल कालिज भी सचांलित है और दर्जनो की सख्या में नसिंग होम व Private hospitals सचालितं है। आयुषमान भारत योजना के तहत लाभ के रास्ते में अफसर रोड़ा बने हुए हैं, ऐसा ही एक मामला खुद प्रार्थी के साथ उस समय हुआ जब प्रार्थी Pandit Deendayal Upadhyay Rajya Karamchari Cashless Chikitsa Yojana के तहत इलाज की जरूरत महसूस हुई। दिनांक 12.6.2023 को ग्रेटर नोयडा के निजी Hospital में भर्ती होना पड़ा जहाँ मुझे Sufficient Medical सुविधा नहीं उपलबध हुई। उपरोकत प्रकरण में प्रार्थी Senior Citizen हेतू निम्म सुझाव प्रेषित करते हुए निवेदन करता हैं कि आयुषमान भारत योजना का लाभ जरुरत मदो को दिलवाने की क्रपा करेगेः-
- Ambulance Facility
2.Assistant Facility
3 private Room
4.To provide power of complaints against the employee of hospital.
5.Need to discharge according to card holder choice or not illness ok until.
6.Any approved Hospital will not refuse for admission of card hlders
7.Any other facilities if compulsary.
8.All above expenses will be deducted from Ayshman Card Value.
To provide the invoice/bill for the deducted amount of every Mediclaim transaction.
9.Each bill should be singed by the card holder.
मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात संयुक्त सचिव भास्कार पांडेय को इस मामले की जांच सौंपी गई
पत्र की प्रतियां पंजीकृत डाक के जरिए प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली, मुख्यंत्री उत्तर प्रदेश, उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश, चीफ एग्जुकेटिव ऑफिसर पंडित दीन दयाल राज्य कर्मचारी केसलैस योजना लखनउ और गौतमबुद्धनगर डीएम को भेजी गई थी।
गौतमबुद्धनगर से प्रधानमंत्री कार्यालय में पहुंचे पत्र से इस मामले में खासा उबाल आ गया है। गौतमबुद्धनगर में संचालित ऐसे हॉस्पिटल जो जानबूझ कर प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजना के तहत लाभार्थियों को सुविधाएं नही दे रहे हैं और टरका कर पल्ला झाड लेते हैं, उन पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। इनमें ऐसे निजी हॉस्पिटल भी है जो सीएमओ कार्यालय मेंं तैनात बाबूओं पर कमीशन खोरी की बात कह कर प्रधानमंत्री आयुषमान भारत योजना के लाभार्थियों को इलाज की सुविधाएं नही देते हुए उल्टा परेशान करते हैं, उन सभी के लिए खिलाफ कार्यवाई किए जाने का भी तय माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इस तरह के निजी हॉस्पिटल की संख्या 30 तक हैं, प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कराए जाने पर इन सभी 30 प्राईवेट हॉस्पिटलों में हडकंप की स्थिति पैदा हो गई हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने गौतमबुद्धनगर से पहुंचे पत्र को गंभीरता से लिया है और इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात संयुक्त सचिव भास्कार पांडेय को इस मामले की जांच सौंपी गई है। संयुक्त सचिव भास्कार पांडेय इस मामले की रिपोर्ट मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सीएम योगी और प्रधानमत्री कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे। शिकायतकर्ता ठाकुर भूपेंद्र सिंह भाटी को प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार और साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय लखनउ से इस आशय की जानकारी दी गई है।