कचहरी में अधिवक्ता पर हमले के मामले में FIR दर्ज, चार अभियुक्त गिरफ्तार; अधिवक्ताओं ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय घेराव का कार्यक्रम किया निरस्त


    मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / गौतमबुद्धनगर

ग्रेटर नोएडा कचहरी में अधिवक्ता रोहित कुमार पर हुए जानलेवा हमले के बाद वकीलों में उत्पन्न भारी आक्रोश अब शांत होता दिखाई दे रहा है। देर रात तक सूरजपुर कोतवाली में डटे रहे अधिवक्ताओं के दबाव और पहल के बाद पुलिस ने आखिरकार मुक़दमा दर्ज कर लिया है तथा चार अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इसी के साथ 17 नवंबर को प्रस्तावित पुलिस कमिश्नर कार्यालय घेराव कार्यक्रम को अधिवक्ताओं ने निरस्त कर दिया है।

पहला हमला: घर में घुसकर लाठी–डंडों और हथियारों से वार

जानकारी के अनुसार अधिवक्ता रोहित कुमार, निवासी जैतपुर, का गांव के कुछ लोगों से पुराना विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के चलते 14 अक्टूबर को करीब 15–20 लोगों ने रोहित के घर में घुसकर जानलेवा हमला किया था। हमलावरों ने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे और रोहित, उनके भाइयों प्रमोद व विपिन तथा भाभी सुनीता पर लाठी, डंडों और अवैध हथियारों से हमला किया था।

पीड़ित पक्ष का आरोप रहा कि घटना के बाद 19 अक्टूबर को दी गई तहरीर के बावजूद पुलिस ने मुक़दमा दर्ज नहीं किया, जिससे वकीलों में गहरी नाराज़गी थी।

दूसरा हमला: कचहरी परिसर में फायरिंग, बाल-बाल बचे वकील

इसके बाद शुक्रवार सुबह कचहरी परिसर में रोहित कुमार पर दोबारा जानलेवा हमला हुआ। आरोप है कि कुछ हमलावर पहले से घात लगाए बैठे थे। रोहित के पहुंचते ही उन पर पिस्टल और तमंचों से फायरिंग की गई। एक गोली उनके कान के पास से गुज़र गई, जिससे वे बाल-बाल बच गए। भीड़ जुटने पर आरोपी एक सफेद कार से फरार हो गए।

अधिवक्ताओं का तीखा विरोध, रात भर कोतवाली में डटे रहे

कचहरी में फायरिंग की घटना के बाद अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया। वकील रात देर तक सूरजपुर कोतवाली में जुटे रहे और FIR दर्ज कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते रहे।

जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन गौतम बुद्ध नगर के पूर्व अध्यक्ष मनोज भाटी (बोडाकी) ने ‘विजन लाइव’ को बताया कि “वकीलों की एकजुटता और दबाव का परिणाम है कि पुलिस ने घटना की गंभीरता को समझते हुए रात में ही FIR दर्ज कर ली और सभी चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।”

FIR और गिरफ्तारी के बाद घेराव कार्यक्रम निरस्त

अधिवक्ताओं ने घोषणा की है कि अब जब FIR दर्ज कर ली गई है और सभी चार आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, तो 17 नवंबर को प्रस्तावित पुलिस कमिश्नर कार्यालय घेराव कार्यक्रम को औपचारिक रूप से निरस्त किया जाता है।

सभी अधिवक्ताओं ने एक-दूसरे के सहयोग और एकजुटता के लिए धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा है कि कानून व्यवस्था और न्याय दिलाने को लेकर अधिवक्ताओं की भूमिका आगे भी जारी रहेगी।


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