
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
गुलिस्तानपुर गांव में अवैध कॉलोनी काटने और सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। ग्रामीणों की शिकायत और मीडिया में उजागर हुई खबर के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हरकत में आया और मौके पर बड़ी टीम भेजकर कार्रवाई शुरू की। इस बीच अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार के आरोपों ने पूरे प्रकरण को और गंभीर बना दिया है।

शिकायत में बड़ा आरोप—अधिकारी अवैध कॉलोनी कटवाने में माफियाओं से मिले हुए
ग्रामीण चरण सिंह शर्मा और टीकम शर्मा द्वारा मुख्य कार्यपालक अधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप है कि:
गांव में भू-माफिया चकरोड, गरगज की भूमि और प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा करके अवैध कॉलोनी काट रहे हैं,
पहले शिकायत के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई,
ओएसडी मुकेश कुमार और सर्किल अधिकारी ऋतिक पर कॉलोनाइज़र्स से सांठगांठ और मोटी रकम लेने के आरोप,
अधिकारियों ने मौके पर सिर्फ दिखावटी कार्रवाई करते हुए दो–तीन टीन शेड हटाकर खानापूर्ति की।

ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते हालात गंभीर होते जा रहे हैं और यदि यह स्थिति जारी रही तो क्षेत्र में साहबेरी जैसे हादसे की पुनरावृत्ति हो सकती है।

मीडिया रिपोर्ट का बड़ा असर—प्रशासन मौके पर पहुंचा
विजन लाइव में प्रकाशित खबर—
“ग्रेटर नोएडा के गुलिस्तानपुर गांव में भूमाफियाओं की नजरें टिकी, प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर गरगज पर खतरा मंडराया”
ने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया। खबर सामने आने के अगले ही दिन प्राधिकरण और तहसील की संयुक्त टीम गांव में पहुंची।

जांच में शामिल अधिकारी:
ओएसडी मुकेश कुमार
सर्किल अधिकारी (पांच) ऋतिक
जेई रामकिशन
पटवारी राजकुमार व दीपक शर्मा
कानूनगो कुंवरपाल सिंह
पटवारी जगदीश पाल व विकास शर्मा
टीम ने सरकारी जमीन और गरगज क्षेत्र की नापतौल की और रिपोर्ट प्राधिकरण व जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी।

प्राधिकरण ने अवैध निर्माण पर की कार्रवाई
जांच में अवैध कब्जे और बगैर अनुमति किए गए निर्माण की पुष्टि होने के बाद प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए निर्माण को ध्वस्त कर दिया। टीम ने मौके पर मौजूद कई विवादित हिस्सों का मुआयना कर आगे की सख्त कार्रवाई का संकेत भी दिया।

ग्रामीणों की मांग—भू-माफियाओं और भ्रष्ट कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई हो
ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से अवैध कॉलोनी का खेल बेखौफ चल रहा है। आरोप है कि यह सब कुछ प्राधिकरण और स्थानीय स्तर पर कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा है। ग्रामीणों की मांग है:
भू-माफियाओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए,
प्राधिकरण व पुलिस के भ्रष्ट कर्मचारियों की निष्पक्ष जांच हो,
अवैध कॉलोनी को पूरी तरह ध्वस्त किया जाए,
सरकारी और प्राधिकरण की जमीन सुरक्षित कराई जाए।

ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि जब तक उच्च स्तर से निगरानी नहीं होगी, तब तक अवैध कॉलोनी का यह कारोबार रुकने वाला नहीं।