
— देश में पहला एआई-आधारित भूमि मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करने की दिशा में कदम
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने तकनीक आधारित गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्राधिकरण अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) के साथ मिलकर एआई (Artificial Intelligence) आधारित अतिक्रमण मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करने जा रहा है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी एन.जी. रवि कुमार के निर्देशन में इस पहल को आगे बढ़ाया जा रहा है। दोनों संस्थानों के बीच जल्द ही एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। दिसंबर 2025 तक इसके पहले फेज का डाटा तैयार करने और मार्च 2026 तक पूरा सिस्टम विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह सिस्टम देश के किसी भी विकास प्राधिकरण द्वारा अपनाई जाने वाली पहली एआई-आधारित पहल होगी। इसके तहत हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजेज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा ताकि अतिक्रमण की पहचान स्वतः हो सके और भूमि की सटीक स्थिति का रियल-टाइम डेटा उपलब्ध हो सके।
इस पहल से भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता, वैज्ञानिकता और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होगी। प्राधिकरण को किसी भी क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण या परिवर्तन की जानकारी समय पर मिल जाएगी, जिससे अवैध कब्जे रोकने और कार्रवाई की दक्षता कई गुना बढ़ जाएगी।
एमओयू के तहत एनआरएससी न केवल एआई आधारित मॉडल, मॉनिटरिंग डैशबोर्ड और अलर्ट सिस्टम विकसित करेगा, बल्कि प्राधिकरण के अधिकारियों को प्रशिक्षण भी देगा, ताकि भविष्य में सिस्टम को स्वतंत्र रूप से संचालित किया जा सके।

सीईओ एन.जी. रवि कुमार ने कहा,
“यह पहल तकनीक आधारित सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसरो के सहयोग से भूमि संरक्षण, सार्वजनिक संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता में नई ऊंचाई प्राप्त होगी।”
परियोजना का नेतृत्व कर रहे एसीईओ सुमित यादव ने बताया,
“एआई और सैटेलाइट इमेजिंग के उपयोग से ग्रेटर नोएडा में अतिक्रमण रोकथाम और प्रवर्तन की क्षमता में क्रांतिकारी सुधार होगा। यह पहल स्मार्ट, डेटा-ड्रिवन और प्रो-एक्टिव गवर्नेंस का उदाहरण बनेगी।”

इस पहल के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने न केवल शहरी प्रबंधन में तकनीकी नवाचार की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाई है, बल्कि अन्य विकास प्राधिकरणों और शहरी निकायों के लिए भी एक मॉडल और प्रेरणा स्थापित की है।
यह परियोजना आधुनिक शहरी प्रशासन, पारदर्शिता, सुशासन और जनहित के प्रति ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की प्रतिबद्धता को और सशक्त बनाएगी।