
सत्र न्यायालय ने धारा 364, 302, 201 के आरोपों से सालिम और नाजिम को दोषमुक्त किया; अधिवक्ता अजनेंद्र भाटी की सक्रिय पैरवी से न्याय सुनिश्चित
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
गौतम बुद्ध नगर के सत्र न्यायालय (कक्ष 6) में सत्र परीक्षण संख्या 320/2016 के तहत नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र के हत्या-अपहरण मामले में न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्रा (एच.जे.एस.) ने दो अभियुक्तों सालिम और नाजिम पुत्र नसरूद्दीन को दोषमुक्त कर दिया।
इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अजनेंद्र भाटी ने अपनी कुशल और सक्रिय पैरवी के माध्यम से अभियुक्तों के अधिकारों की रक्षा की और न्यायालय को केस के तथ्यों पर ध्यान देने हेतु मार्गदर्शन दिया। भाटी की पेशेवर रणनीति और सभी कानूनी प्रावधानों के अनुपालन ने अदालत के निर्णय में निर्णायक भूमिका निभाई।
मामले की पृष्ठभूमि:
वादी हसरत अली ने बताया कि उसका बेटा नाजिम पुत्र हसरत अली, जो राजमिस्त्री का काम करता था, 27 दिसंबर 2015 को ठेकेदार सालिम और उसके भाई नाजिम के साथ नोएडा गया और तब से लापता था।
पिता ने बेटे का पता लगाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन नाजिम का कोई सुराग नहीं मिला। बाद में पुलिस ने जांच शुरू की और मृतक का शव ग्राम झट्टा के पास सड़क किनारे बरामद हुआ।
साक्ष्य और जांच:
अभियोजन ने 11 गवाह पेश किए, जिनमें पीड़ित परिवार, पुलिस अधिकारी और चिकित्सक शामिल थे।
दस्तावेजी साक्ष्य में एफ.आई.आर., पोस्टमार्टम रिपोर्ट, नक्शा नजरी, आरोप-पत्र और अभियुक्तों की निशानदेही के प्रपत्र शामिल थे।

न्यायालय का निर्णय:
न्यायालय ने सभी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद सालिम और नाजिम को धारा 364, 302 और 201 भा.दं.सं. के अंतर्गत दोषमुक्त किया।
जमानती बंधपत्र निरस्त कर दोनों अभियुक्तों को उनके दायित्वों से मुक्त किया गया।
आदेश के अनुसार अभियुक्तों को ₹50,000/- का स्वबन्धपत्र और दो-दो प्रतिभू जमा करने का निर्देश दिया गया।

बचाव पक्ष की भूमिका:
अधिवक्ता अजनेंद्र भाटी की कुशल पैरवी के कारण न्यायालय ने सभी साक्ष्यों को गहनता से परखा और निष्पक्ष निर्णय लिया।
भाटी ने अभियुक्तों के पक्ष को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे न्याय की प्रक्रिया सुनिश्चित हुई।