शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में मानसिक उत्पीड़न का आरोप — दो शिक्षक गिरफ्तार


ग्रेटर नोएडा | रिपोर्ट: मौहम्मद इल्यास “दनकौरी”, Vision Live News

ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति शर्मा का शव गर्ल्स हॉस्टल के 12वीं मंजिल स्थित कमरे में पंखे से लटका मिला। 21 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें यूनिवर्सिटी के दो शिक्षकों पर मानसिक प्रताड़ना और अपमान का गंभीर आरोप लगाया गया है।

📄 सुसाइड नोट में शिक्षकों पर गंभीर आरोप

गुरुग्राम निवासी ज्योति ने सुसाइड नोट में डेंटल मेडिकल और पीसीपी विभाग के शिक्षकों — महेंद्र सर और शायरा मैम — को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। उसने लिखा:

“अगर मेरी मौत हुई तो इसके लिए पीसीपी और डेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे। उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, अपमानित किया। उनकी वजह से मैं लंबे समय से डिप्रेशन में हूं। मैं चाहती हूं कि उन्हें भी यही सब सहना पड़े। सॉरी… मैं अब और नहीं जी सकती।”

💥 मानसिक तनाव और उत्पीड़न का सिलसिला

छात्रों का कहना है कि ज्योति पिछले कुछ दिनों से अत्यधिक मानसिक तनाव में थीं। आरोप है कि उन्हें फर्जी साइन के एक मामले में झूठा फंसाया गया था। इसके अलावा, उन्हें तीन बार डिपार्टमेंट से निकाला गया और फाइलें लौटाने के लिए माता-पिता को बुलाने की धमकी दी गई।

🧾 घटनास्थल पर हड़कंप और विरोध प्रदर्शन

हॉस्टल में ज्योति का कमरा बंद मिलने पर सहेलियों ने दरवाज़ा तोड़ा और उसका शव लटका पाया। सूचना मिलने पर पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन मौके पर पहुंचे। छात्रों ने हंगामा करते हुए वार्डन पर सुसाइड नोट छिपाने का आरोप भी लगाया। शव को बिना पल्स जांच के ले जाने पर भी सवाल उठाए गए।

👮‍♂️ पुलिस कार्रवाई: दो शिक्षक गिरफ्तार

एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर नॉलेज पार्क थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने दो शिक्षकों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। मामले की विधिक जांच जारी है और आगे की कार्रवाई प्रक्रिया में है।

🏫 शारदा यूनिवर्सिटी का आधिकारिक बयान

डायरेक्टर पीआर अजीत कुमार ने प्रेस को जारी अपने आधिकारिक बयान में कहा:

“हमारी यूनिवर्सिटी की बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति शर्मा की असमय मृत्यु से हम बेहद आहत हैं। परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए हम मामले की गहन जांच कर रहे हैं।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है जिसकी अध्यक्षता प्रो-वाइस चांसलर कर रहे हैं। सुसाइड नोट में जिन दो स्टाफ सदस्यों के नाम सामने आए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

हम यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। विश्वविद्यालय में काउंसलिंग और शिकायत निवारण तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।”
— अजीत कुमार, डायरेक्टर, पीआर, शारदा यूनिवर्सिटी

🧠 छात्रों में भय और आक्रोश

ज्योति की आत्महत्या ने विश्वविद्यालय के छात्रों को झकझोर कर रख दिया है। एक छात्रा ने कहा:

“अगर इस तरह के टॉर्चर और डर का माहौल रहेगा तो हमारे लिए यहां पढ़ाई करना मुश्किल हो जाएगा।”

छात्रों ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की मांग की है।


🛑  संस्थानों में संवेदनशीलता और जवाबदेही की ज़रूरत

ज्योति शर्मा की आत्महत्या ने शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य, प्रशासनिक संवेदनशीलता और जवाबदेही जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर सवाल खड़े किए हैं। यह घटना सिर्फ एक छात्रा की मौत नहीं, बल्कि सिस्टम की असफलता की गूंज है। ज़रूरत है कि ऐसे मामलों में त्वरित और न्यायपूर्ण कार्रवाई हो — और भविष्य में कोई छात्र या छात्रा खुद को इतना अकेला न महसूस करे कि उसे जीवन ही छोड़ना पड़े।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate

can't copy