
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ (उपशाखा तहसील सदर, गौतमबुद्ध नगर) द्वारा आज उपजिलाधिकारी महोदया को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें जनपद हापुड़ में लेखपाल सुभाष मीणा की हृदयविदारक मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दोषियों षके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की मांग की गई है।
लेखपाल संघ ने आरोप लगाया है कि हापुड़ के जिलाधिकारी द्वारा अधीनस्थ के साथ अमानवीय और दमनकारी व्यवहार अपनाया गया। बिना किसी जांच के झूठी शिकायत के आधार पर की गई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के कारण सुभाष मीणा मानसिक तनाव का शिकार हुए, जिसके चलते उनकी असामयिक मृत्यु हो गई।
संघ के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में लिखा है कि—
“आजकल कुछ अधिकारी सोशल मीडिया या जन मंचों पर दिखावे के लिए कर्मचारियों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हैं। यह प्रवृत्ति बैठक, समाधान दिवस, ग्राम चौपाल जैसे आयोजनों में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। इससे कर्मचारी डिप्रेशन में जा रहे हैं, जिससे न केवल उनका पारिवारिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन भी बाधित हो रहा है।”
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि माननीय मुख्य सचिव द्वारा पूर्व में सभी स्तरों पर कर्मचारी संगठनों के साथ नियमित बैठकें कर समस्याओं के समाधान हेतु आदेश जारी किए गए थे, किंतु उनका पालन नहीं हो रहा है। इसी संवेदनहीनता के चलते इस प्रकार की घटनाएं घट रही हैं।

संघ ने निम्नलिखित मांगें की हैं:
- मृतक आश्रित परिवार को यथाशीघ्र आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
- मृतक के आश्रित को योग्यता के अनुसार तत्काल सरकारी सेवा में नियुक्ति दी जाए।
- घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कर दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
- सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थों के साथ मानवीय और सम्मानजनक व्यवहार करने हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
- मुख्य सचिव द्वारा निर्गत आदेशों के अनुसार प्रतिमाह तहसील व जिला स्तर पर कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक सुनिश्चित की जाए।
ज्ञापन में यह भी आशा जताई गई कि हापुड़ की घटना पर माननीय मुख्यमंत्री व शासन-प्रशासन त्वरित और संवेदनशील निर्णय लेंगे, जिससे प्रदेश के अन्य लेखपालों में भरोसा बहाल हो सके।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से –
बृजेश विकल (अध्यक्ष), अनिल कुमार (मंत्री), नंद किशोर (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), शीतला प्रसाद (लेखा परीक्षक), नीरज लता (कोषाध्यक्ष), ज्ञानेन्द्र सिंह (उपमंत्री) आदि शामिल रहे।