तिलपता गांव में बिजली विभाग की लापरवाही बनी हादसे को न्योता — लटकती केबल बनी खतरे की घंटी


प्रमुख समाजसेवी सुखबीर सिंह आर्य ने प्रशासन से की तत्काल समाधान की मांग

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
एनपीसीएल (नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड) की बिजली व्यवस्था को लेकर तिलपता गांव के लोग इन दिनों बेहद परेशान हैं। गांव में बीते 10 दिनों से एक बिजली केबल मुख्य रास्ते पर लटकी हुई है, जिससे स्थानीय लोगों, विशेषकर स्कूली छात्र-छात्राओं की जान को प्रत्यक्ष खतरा बना हुआ है।

यह हाई टेंशन केबल खुले में झूलती हुई न केवल राहगीरों के लिए असुविधा का कारण बन रही है, बल्कि कभी भी एक बड़ा हादसा भी हो सकता है। इलाके में 24 घंटे बिजली देने का दावा करने वाली एनपीसीएल की यह लापरवाही सिर्फ कागज़ों पर दिखावा बनकर रह गई है

गांव के प्रमुख समाजसेवी सुखबीर सिंह आर्य ने इस गंभीर समस्या को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने प्रशासन और बिजली विभाग से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा:

“यदि समय रहते इस लटकती हुई केबल को नहीं हटाया गया और किसी मासूम की जान चली गई, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी एनपीसीएल की होगी। यह तकनीकी चूक नहीं, बल्कि जानलेवा लापरवाही है।”

आर्य ने यह भी बताया कि गांव के रास्ते से हर रोज सैकड़ों स्कूली बच्चे गुजरते हैं, जिनके सिर के ऊपर से यह केबल खतरनाक रूप में लटक रही है। बारिश और नमी के मौसम में यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, जिससे करंट फैलने या शॉर्ट सर्किट का खतरा बना रहता है।

गांववासियों ने स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग को कई बार मौखिक रूप से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि विभाग हादसे का इंतजार कर रहा है, जबकि इसकी रोकथाम अभी की जा सकती है।

स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि 24 घंटे के भीतर इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे एनपीसीएल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।


 

क्या एनपीसीएल समय रहते चेतती है?
तिलपता गांव की यह स्थिति बताती है कि तकनीकी विकास के दावे और जमीनी हकीकत के बीच अब भी गहरी खाई मौजूद है। अब देखना यह है कि क्या एनपीसीएल समय रहते चेतती है या किसी दुर्घटना के बाद ही हरकत में आती है।

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