
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
जेवर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना के अधिग्रहण और पुनर्वास कार्य में अवरोध उत्पन्न करने के उद्देश्य से षड्यंत्रपूर्वक किसान परिवार के अपहरण के मामले में गौतमबुद्धनगर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। थाना जेवर पुलिस और स्वाट टीम ने एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए अपहृत किसान परिवार के तीन सदस्यों को सकुशल मुक्त कराकर पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
घटना की पृष्ठभूमि
जेवर एयरपोर्ट के स्टेज 01 फेज 01 के अंतर्गत ग्राम रोही निवासी हंसराज और उनका परिवार, पुनर्वास नीति के अंतर्गत आरआर साइट जेवर में बसाए गए थे। 29 मई 2025 को प्रशासन द्वारा उन्हें बाउंड्री वॉल क्षेत्र से हटा दिया गया। इसके बाद 2 जून को हंसराज के बेटे सोनू ने कुछ कथित किसान नेताओं और अधिवक्ताओं के इशारे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस रिट याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि हंसराज, उनकी पत्नी कमलेश देवी और पुत्र सौरभ को अवैध हिरासत में रखा गया है।
इस रिट पर उच्च न्यायालय ने 11 जून को तीनों को न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया। आदेश का पालन कराने के लिए डीसीपी ग्रेटर नोएडा के नेतृत्व में 7 विशेष टीमों का गठन किया गया। हालांकि, पुलिस द्वारा गहन पड़ताल और वैज्ञानिक तरीकों के इस्तेमाल के बावजूद तीनों को अदालत में प्रस्तुत नहीं किया जा सका, जिससे न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 7 जुलाई निर्धारित की।
प्रथम दृष्टया खुलासा एवं एफआईआर
26 जून को कामेश पुत्र प्रेमपाल सिंह, जो हंसराज का परिचित है, ने थाना जेवर में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर एफआईआर संख्या 205/2025 धारा 140(3) बीएनएस के अंतर्गत दर्ज की गई।

जांच एवं गिरोह का भंडाफोड़
डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान के नेतृत्व में गठित टीमों ने तकनीकी सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय खुफिया सूचना के आधार पर तफ्तीश शुरू की। जांच में यह उजागर हुआ कि कैप्टन पुत्तन सिंह नामक व्यक्ति, जो एक वर्तमान पायलट है, इस षड्यंत्र का मुख्य मास्टरमाइंड है। उसके साथ प्रमोद (दयानतपुर), पवन चौधरी (दयानतपुर), सरोजबाला (पत्नी), और रामादेवी (सास) इस साजिश में शामिल थे।
पुलिस जांच में सामने आया कि 6 जून की रात, कैप्टन पुत्तन सिंह ने हंसराज और उनके परिवार को इलाज के बहाने अपनी बीएमडब्ल्यू कार (UP16CN3205) से मैदानगढ़ी, दिल्ली स्थित अपने ससुराल पहुंचाया, जहां उन्हें रामादेवी के घर में बंदी बनाकर रखा गया।
14 जून को अभियुक्तों ने हंसराज को डिक्की में छुपाकर और उनकी पत्नी व पुत्र को बीच में बैठाकर उन्हें यमुना एक्सप्रेसवे के पास पवन चौधरी के एकांत घर में स्थानांतरित कर दिया, जहाँ उन्हें 27 जून तक छुपाकर रखा गया।
साजिश का मकसद और योजना
पूछताछ में सामने आया कि इस पूरे षड्यंत्र का मकसद जेवर एयरपोर्ट परियोजना में व्यवधान, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की छवि को धूमिल करना, और इलाहाबाद हाईकोर्ट में झूठी याचिका दाखिल कर प्रभाव पैदा करना था। इस प्रकार, आरोपी क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक दबदबा कायम कर अनैतिक आर्थिक लाभ प्राप्त करना चाहते थे।

अभियुक्तों की गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने 27 जून को गुप्त सूचना के आधार पर दयानतपुर में पवन चौधरी के फार्महाउस से हंसराज, उनकी पत्नी कमलेश देवी और पुत्र सौरभ को सकुशल मुक्त कराया और वहीं से पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार अभियुक्तों की सूची:
- कैप्टन पुत्तन सिंह पुत्र सियाराम सिंह – मकान नं. 262, सेक्टर 135, नोएडा (पायलट)
- प्रमोद पुत्र निरंजन – ग्राम दयानतपुर, थाना जेवर
- पवन चौधरी पुत्र अतर सिंह – ग्राम दयानतपुर, थाना जेवर
- सरोजबाला पत्नी कैप्टन पुत्तन सिंह – सेक्टर 135, नोएडा
- रामादेवी पत्नी शंकर सिंह – मैदानगढ़ी, दिल्ली
इसके अलावा, इस साजिश में प्रयुक्त बीएमडब्ल्यू वाहन (UP16CN3205) को भी बरामद कर लिया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश और पूरे नेटवर्क की विस्तृत जांच जारी है।

प्रेस वार्ता में पुलिस का बयान
डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान ने प्रेस वार्ता में बताया कि:
“यह प्रकरण केवल अपहरण का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक विकास परियोजना में व्यवधान डालकर प्रशासन को बदनाम करना था। पुलिस की सात टीमों ने लगातार 24×7 प्रयास कर इस गिरोह को बेनकाब किया और तीनों व्यक्तियों को सकुशल बरामद किया।”

विकास विरोधी आपराधिक मानसिकता और सामाजिक तंत्र के दुरुपयोग के विरुद्ध एक कड़ा संदेश
गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल एक किसान परिवार को सुरक्षित निकालने का कार्य है, बल्कि यह विकास विरोधी आपराधिक मानसिकता और सामाजिक तंत्र के दुरुपयोग के विरुद्ध एक कड़ा संदेश भी है।
पुलिस ने यह साबित किया है कि जेवर एयरपोर्ट जैसी राष्ट्रीय महत्त्व की परियोजनाओं को बाधित करने वाले किसी भी तत्व को बख्शा नहीं जाएगा।