
“युवाओं की सोच और सामर्थ्य ही देश का भविष्य तय करते हैं” – सोनू शर्मा

“एक विचार से बन सकता है लाखों का साम्राज्य” – शुभंकर मिश्रा

—मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा—
जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (GIMS) द्वारा इंडिया एक्सपो मार्ट सेंटर में आयोजित ‘मेराकी’ कार्यक्रम नवप्रवेशित PGDM विद्यार्थियों के लिए नेतृत्व विकास, प्रेरणा, और नेटवर्किंग का एक अनूठा मंच बनकर उभरा।
कार्यक्रम का उद्देश्य महज स्वागत तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका मूल उद्देश्य था – युवाओं को आत्मविश्वासी बनाना, उन्हें कॉरपोरेट और सामाजिक जीवन के लिए तैयार करना, और उनमें नेतृत्व, संवाद व नवाचार की क्षमता विकसित करना।


शुभारंभ: भारतीय परंपरा और आधुनिकता का संगम
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ, जिसमें प्रमुख अतिथियों में आईपीएस निधिन वल्सन, चेयरमैन डॉ. राजेश कुमार गुप्ता, वाइस चेयरमैन गौरव गुप्ता, सीईओ स्वदेश कुमार सिंह, सलाहकार सदस्य मिथिलेश कुमार सिंह व सत्यप्रकाश सिंह, एवं निदेशक डॉ. भूपेंद्र सोम शामिल रहे।
इसके उपरांत गणेश वंदना प्रस्तुत की गई, जिसने पूरे आयोजन को एक आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया।

प्रेरणा के स्तंभ: वक्ताओं के विचार और अनुभव
1. गौरव तनेजा (फिटनेस आइकन, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, पायलट)
उन्होंने युवाओं को मानसिक और शारीरिक फिटनेस, डिजिटल ब्रांडिंग, और डिजिटल युग में आत्म-प्रस्तुति के महत्व से परिचित कराया।
“स्वस्थ शरीर और स्पष्ट सोच ही सफलता की नींव हैं।”
2. आकाश आनंद (फाउंडर, Bella Vita Organic)
उद्यमिता की दुनिया में स्थानीय सोच और वैश्विक दृष्टिकोण की ताकत को उजागर करते हुए उन्होंने कहा:
“छोटे शहरों के युवाओं में अपार क्षमता है, ज़रूरत है तो बस साहसिक सोच और कार्यान्वयन की।”
3. आकाश गुप्ता (Co-Founder & CEO, Zipp Electric)
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, और ग्रीन टेक्नोलॉजी को युवाओं के करियर और स्टार्टअप में एक नई दिशा के रूप में प्रस्तुत किया।
“जो तकनीक पृथ्वी का ख्याल रखे, वही भविष्य का नेतृत्व करेगी।”

4. अनुभव दुबे (Co-Founder, Chai Sutta Bar)
अपने संघर्ष से सफलता तक की यात्रा साझा करते हुए उन्होंने कहा:
“कोई भी विचार छोटा नहीं होता। अगर जुनून हो, तो एक कप चाय से भी क्रांति हो सकती है।”
5. डॉ. अमिएत्त कुमार (Founder, Readers Books Club)
उन्होंने युवाओं को पढ़ने की आदत विकसित करने और आत्मविकास पर बल दिया:
“पढ़ने से सोच बदलती है, और सोच से भविष्य।”

मुख्य प्रेरक वक्ता: जब ज्ञान, अनुभव और ऊर्जा मिले
⭐ सोनू शर्मा (मोटिवेशनल स्पीकर)
उन्होंने स्किल बेस्ड लर्निंग, सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट, और धैर्य, अनुशासन व सतत प्रयास के महत्व पर जोर दिया।
“कभी हार मत मानो, क्योंकि तुम्हारी सबसे बड़ी सफलता उस क्षण के बाद आती है जब तुम रुकने की सोचते हो।”
⭐ शुभंकर मिश्रा (युवा सामाजिक कार्यकर्ता और प्रभावशाली वक्ता)
उन्होंने सोशल मीडिया की रचनात्मक भूमिका और युवाओं की सामाजिक जिम्मेदारी पर बात की।
“सोशल मीडिया पर सिर्फ ट्रेंड मत बनाओ, बदलाव बनो।”
आईपीएस निधिन वल्सन: अनुशासन का आदर्श
युवा आईपीएस अधिकारी निधिन वल्सन, जो कैंसर को मात देकर राष्ट्रीय सेवा में प्रेरणा बन चुके हैं, ने विद्यार्थियों को आत्मानुशासन, स्पष्ट उद्देश्य और राष्ट्रहित में योगदान देने का संदेश दिया।
“स्पष्टता और समर्पण ही असाधारण निर्माण की नींव हैं।”

संस्थान की भूमिका: शिक्षा से आगे बढ़कर दिशा की ओर
सीईओ स्वदेश कुमार सिंह ने कहा:
“GIMS विद्यार्थियों को कॉरपोरेट और सामाजिक जीवन की वास्तविक चुनौतियों के लिए तैयार करने वाले प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।”
निदेशक डॉ. भूपेंद्र सोम ने जानकारी दी कि मेराकी के साथ ओरिएंटेशन सप्ताह का शुभारंभ हुआ है और आने वाले दिनों में कई प्रतिष्ठित कॉरपोरेट लीडर्स विद्यार्थियों से संवाद करेंगे।

संचालन एवं समापन
कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन डॉ. शालिनी शर्मा और रानू सक्सेना ने किया।
अंत में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. रुचि रायत ने सभी वक्ताओं, मेहमानों, फैकल्टी, और विद्यार्थियों का आभार प्रकट करते हुए कहा:
“मेराकी ने यह सिद्ध किया कि शिक्षा का सही उद्देश्य ज्ञान नहीं, बल्कि दृष्टि और दिशा देना है।”

“मेराकी’ केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक विजन—
‘मेराकी’ केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक विजन था — एक ऐसा मंच जिसने विद्यार्थियों को बताया कि वे सिर्फ मैनेजमेंट के छात्र नहीं हैं, बल्कि वे भविष्य के लीडर, इनोवेटर, और चेंजमेकर हैं।
GIMS ने यह साबित किया कि वह न केवल शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि चरित्र निर्माण, विचार विकास और सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए भी एक सशक्त मंच है।