गौतम बुद्ध नगर जिला पंचायत वार्ड-3 से कुलदीप भाटी मैदान में, संघर्ष की राजनीति को मिला जनसमर्थन

किसानों, मज़दूरों और आम जनता की आवाज़ बनकर उभरे कुलदीप भाटी, सामाजिक सेवा और संघर्षों की बुनियाद पर सियासी मंज़िल की ओर

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर
उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित मार्च 2026 जिला पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो चुकी हैं। इसी क्रम में गौतम बुद्ध नगर के जिला पंचायत वार्ड नंबर 3 से समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी कुलदीप भाटी मैदान में उतर चुके हैं। ग्राम पल्ला निवासी कुलदीप भाटी पिछले दो दशक से अधिक समय से किसानों, मजदूरों और वंचित वर्गों की आवाज़ उठाने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।

🧑‍🌾 किसानों के संघर्षों से शुरू हुई सियासी यात्रा

कुलदीप भाटी का राजनीतिक सफर आंदोलन और ज़मीनी संघर्ष से निकला है। उन्होंने कई बार किसान संगठनों के साथ मिलकर धरना-प्रदर्शन किए और किसानों की समस्याओं को उठाने के लिए महीनों तक जेल भी गए। इस संघर्षशील स्वभाव ने उन्हें समाजवादी पार्टी का सक्रिय चेहरा बना दिया।

📢 अखिलेश यादव का भरोसा, जनता का समर्थन

कहा जाता है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें जनसभाओं में मंच पर बुलाकर सम्मानित किया है। सांसद डिंपल यादव सहित समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उन्हें निरंतर स्नेह और मार्गदर्शन मिलता रहा है। यही कारण है कि कुलदीप भाटी आज पार्टी के साथ-साथ जनता के बीच भी एक भरोसेमंद नाम बन चुके हैं।

🌍 सामाजिक समरसता और सभी बिरादरियों से संबंध

कुलदीप भाटी को न केवल गुर्जर समाज, बल्कि मुस्लिम, एससी, ब्राह्मण, ठाकुर और अन्य समुदायों का भी सहयोग मिलता दिखाई दे रहा है। यह समर्थन उनके निस्वार्थ सामाजिक कार्यों, ईमानदारी और लोगों के सुख-दुख में सहभागी बनने की प्रवृत्ति का परिणाम है।

📊 जातीय समीकरण और आंकड़ों का गणित

वार्ड नंबर 3 में लगभग 72,000 वोटर हैं जिनमें से:

  • गुर्जर (भाटी गोत्र): करीब~13,000
  • अन्य गुर्जर: करीब~8,000
  • मुस्लिम: करीब~11,000
  • SC:करीब ~15,000
  • ठाकुर: करीव~7,000
  • ब्राह्मण:करीब ~6,000
  • अन्य: करीब~12,000 (वाल्मीकि, कुम्हार आदि)

यह आंकड़े बताते हैं कि यदि गुर्जर, मुस्लिम और एससी समुदायों का बहुमत समर्थन उन्हें मिलता है, तो यह एक मजबूत सामाजिक समीकरण बन सकता है।

🧭 संघर्ष की विरासत, सियासत की नई दिशा

अक्टूबर 2021 में हुए गुर्जर सम्राट मिहिर भोज प्रकरण में भी कुलदीप भाटी ने खुलकर गुर्जर समाज की आवाज़ उठाई थी और जेल गए थे। यह उनके समर्पण और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। हालांकि वे सामान्य परिवार से आते हैं, लेकिन उनके सामाजिक कार्यों और पारदर्शी छवि ने उन्हें एक लोगों के नेता के रूप में स्थापित किया है।

🗣️ जनता की उम्मीद: सेवा से चुनाव तक

स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि कुलदीप भाटी जैसे ज़मीनी कार्यकर्ता ही जनता की सच्ची सेवा कर सकते हैं। युवा वर्ग भी उनकी विचारधारा से जुड़ता नजर आ रहा है। उनका कहना है, “चुनाव जीतने से सेवा और भी आसान हो जाती है।”


🔚 अब देखना यह है कि 2026 में किसे जनता का आशीर्वाद मिलेगा?

राजनीति की इस कुश्ती में कौन विजयी होगा, यह समय बताएगा। परंतु इतना निश्चित है कि कुलदीप भाटी की लड़ाई जनता के लिए, जनता के साथ और जनता की आवाज़ बनकर है।


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