
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / गौतमबुद्धनगर
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के पेयरिंग एवं मर्जर की प्रस्तावित नीति के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जनपद गौतमबुद्धनगर ने आज एक सशक्त ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन जेवर विधानसभा के विधायक धीरेन्द्र सिंह के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया।
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नरेश कौशिक ने किया, जो संगठन के राष्ट्रीय काउंसलर, प्रांतीय ऑडिटर और जिलामंत्री हैं। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल छात्रों के हितों के विरुद्ध है, बल्कि इससे शिक्षकों के पद भी प्रभावित होंगे। उन्होंने सरकार से इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की।
नरेश कौशिक ने कहा, “इस प्रस्ताव के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों की शिक्षा बाधित होगी, स्कूलों का माहौल नष्ट होगा और शिक्षकों की संख्या में अनावश्यक कटौती होगी। यह पूरा कदम शिक्षा के विकेंद्रीकरण के विपरीत है।”

ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि इस नीति के चलते जनपद के लगभग 120 परिषदीय विद्यालय बंद होने की कगार पर हैं, जिससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक जाएगा।
संघ के जिलाध्यक्ष विनोद नागर ने भी इस प्रस्ताव को अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि यह ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने वाला कदम है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान अनेक शिक्षक पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें चौधरी राजीव कुमार, सतपाल सिंह भाटी (ब्लॉक अध्यक्ष, जेवर), मुकेश वत्स (जिला उपाध्यक्ष), बृजेश कुमार (ब्लॉक मंत्री, जेवर), गंगाराम शर्मा, मदन यादव, कुलदीप कुमार, महेश आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

शिक्षक संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस नीति पर पुनर्विचार नहीं किया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।