
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस की बड़ी सफलता
अपहरण कर 3 करोड़ की मांग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 5 गिरफ्तार, दो अपहृत सकुशल बरामद

क्राइम रिपोर्टर/ग्रेटर नोएडा
थाना सूरजपुर पुलिस, सीआरटी व सर्विलांस/सीडीटी टीम के संयुक्त ऑपरेशन में अपहरण की एक बड़ी साजिश का खुलासा करते हुए दो अपहृतों को सकुशल मुक्त कराकर पाँच अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से लूटी गई दो लग्जरी कारें, ₹75,000 नकद, लैपटॉप, घड़ी, मोबाइल, चेकबुक, आधार-पैन कार्ड समेत अवैध हथियार भी बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान रोहित (24), प्रदीप मलिक (36), सचिन (28), आशीष (24) और राहुल (23) के रूप में हुई है। सभी आरोपी हरियाणा के सोनीपत और पानीपत जिलों से ताल्लुक रखते हैं।
घटना का पूरा घटनाक्रम
12 जून की रात ग्रेटर नोएडा के यूनिटैक होराइजन सोसाइटी, पाई-2 से कारोबारी चन्द्रपाल यादव (65) और उनके ड्राइवर सचिन (27) का अपहरण कर लिया गया। आरोपी खुद को लोन एजेंट बताकर पहले व्यापारियों से जान-पहचान बनाते थे। लोन दिलाने के नाम पर अपने ही खातों से मोटी रकम उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते, फिर 30% प्रति माह ब्याज वसूलने का दबाव बनाते।
इसी क्रम में चन्द्रपाल यादव की कम्पनी पावन एनर्जी इंडिया प्रा. लि. को अभियुक्त प्रवेन्द्र और सुरेश दलाल (फरार) ने ₹3 करोड़ ट्रांसफर किए। रुपये लौटाने के बावजूद आरोपियों ने और ₹3 करोड़ की मांग की। जब यादव परिवार ने असमर्थता जताई तो उन्हें और ड्राइवर को हथियारों के बल पर अगवा कर लिया गया।
अपहरण के बाद दोनों को सोनीपत ले जाकर बेरहमी से पीटा गया और जान से मारने की धमकी देकर फिरौती की मांग की गई। हालांकि अपहृतों को जबरन नोएडा लाते समय पुलिस को सूचना मिल गई और सूरजपुर थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को सकुशल छुड़ाकर सभी पांच अपहरणकर्ताओं को धर दबोचा।
बरामदगी की सूची
- दो लग्जरी कार: टोयोटा फॉर्च्यूनर (UP83BL8808) व किया सोनेट (UP16CQ9992)
- ₹75,000 नगद
- एक सैमसंग घड़ी
- तीन मोबाइल फोन
- एक लैपटॉप व चार्जर
- दो चेकबुक, एक डायरी, विभिन्न बैंकों के 8 एटीएम/आधार कार्ड
- दो अवैध तमंचा (.315 बोर) व चार कारतूस

अपराध की कार्यशैली
यह गिरोह सुनियोजित ढंग से पहले व्यापारियों से नजदीकी बढ़ाता, फिर बैंक लोन दिलाने का झांसा देकर अपने निजी खातों से पैसे ट्रांसफर करता। कुछ ही दिनों में कई गुना रकम वसूलने का दबाव बनाता और असफलता पर अपहरण व हिंसा का सहारा लेता। यह लोन फ्रॉड और अपराध का हाई-प्रोफाइल संगठित मॉडल था।
पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
इस ऑपरेशन में थाना सूरजपुर, सीआरटी और सर्विलांस टीम के 18 सदस्यों ने निर्णायक भूमिका निभाई। निरीक्षक सतवीर सिंह (सीआरटी), उपनिरीक्षक आवेश मलिक, मुकुल यादव, पंकज सिंह, रतन सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों की तत्परता से इस संगीन मामले को महज़ 48 घंटों में सुलझा लिया गया।
पुलिस आयुक्त की सराहना
डीसीपी नोएडा सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “यह कार्रवाई पुलिस की तत्परता, टीमवर्क और इंटेलिजेंस की मिसाल है। इस संगठित अपराध के पीछे और भी लोगों की भूमिका की जांच जारी है।”

संदिग्ध वित्तीय सौदों से सतर्क रहें
इस प्रकरण ने जहां पुलिस की दक्षता को उजागर किया है, वहीं व्यापारिक समुदाय के लिए एक चेतावनी भी दी है कि संदिग्ध वित्तीय सौदों से सतर्क रहें और समय रहते पुलिस से संपर्क करें।