ग्रेटर नोएडा में ई-वेस्ट निस्तारण की दिशा में बड़ी पहल, पांच कंपनियां आईं आगे


प्राधिकरण ने कंपनियों से लिया प्रस्तुतिकरण, जल्द होगी सूचीबद्धता; पर्यावरण संरक्षण को मिलेगी नई गति

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ई-वेस्ट के वैज्ञानिक निस्तारण की दिशा में एक अहम कदम उठाने जा रहा है। शहर में पुराने मोबाइल, लैपटॉप, चार्जर जैसे अनुपयोगी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से निस्तारित करने के लिए अब आम नागरिकों को भी विकल्प मिलेगा। सोमवार को प्राधिकरण में पांच कंपनियों ने ई-वेस्ट प्रोसेसिंग को लेकर अपना प्रस्तुतिकरण दिया। ये कंपनियाँ जल्द ही सूचीबद्ध की जाएंगी, जिनके माध्यम से ई-वेस्ट का संग्रहण और प्रोसेसिंग सुनिश्चित की जाएगी।

ई-वेस्ट निस्तारण की नई व्यवस्था

प्राधिकरण ने हाल ही में ई-वेस्ट के निस्तारण के लिए ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) आमंत्रित किया था। इसके जवाब में पांच प्रतिष्ठित कंपनियों ने रुचि दिखाई और अपनी योजना व कार्यप्रणाली का प्रस्तुतिकरण प्राधिकरण के समक्ष दिया।
इस दौरान ओएसडी गुंजा सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह व प्रबंधक संध्या सिंह की उपस्थिति में कंपनियों ने बताया कि वे किस तरह ग्रेटर नोएडा से ई-वेस्ट एकत्र कर अपने प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुँचाएँगी और उसका निस्तारण करेंगी।

नागरिकों को मिलेगा लाभ

सूचीबद्ध होने के बाद ये कंपनियाँ घर-घर जाकर या तय स्थानों से ई-वेस्ट एकत्र करेंगी। इसके बदले नागरिकों को उनके अनुपयोगी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए निर्धारित दर के अनुसार भुगतान भी किया जाएगा।
प्राधिकरण खुद ई-वेस्ट की दर तय करेगा, जिसे अपनी वेबसाइट व हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से आमजन को उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रदूषण मुक्त शहर की दिशा में प्रयास

प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि,
“प्रस्तुतिकरण के आधार पर कंपनियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। जल्द ही अनुबंधित कर इन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि ग्रेटर नोएडा को ई-वेस्ट के प्रभाव से मुक्त रखते हुए सतत पर्यावरणीय विकास को सुनिश्चित किया जाए।”

ई-वेस्ट से बचाना है पर्यावरण

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब घरेलू वेस्ट के साथ-साथ ई-वेस्ट को भी गंभीरता से ले रहा है। सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर यह प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जिससे न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित होगा, बल्कि शहर की स्वच्छता व्यवस्था भी और मजबूत होगी।

यह पहल न सिर्फ ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ बनाएगी, बल्कि ई-वेस्ट प्रबंधन के क्षेत्र में एक मॉडल के रूप में उभरेगी।
अब शहर के नागरिक भी पर्यावरण की रक्षा में भागीदार बन सकेंगे और पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स के बदले आर्थिक लाभ भी पा सकेंगे।
प्राधिकरण की यह योजना “स्वच्छ ग्रेटर नोएडा – हरित ग्रेटर नोएडा” के विजन की दिशा में एक सार्थक कदम है।

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