— 800 करोड़ के निवेश से मिलेंगे 10 हजार रोजगार, लापरवाह सफाई पर दो लाख का जुर्माना

 

ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक विकास और सफाई व्यवस्था पर एकसाथ फोकस
— 800 करोड़ के निवेश से मिलेंगे 10 हजार रोजगार, लापरवाह सफाई पर दो लाख का जुर्माना


40 औद्योगिक भूखंडों की योजना लांच, आवेदन शुरू
— 16 जून तक पंजीकरण, ऑक्शन से होगा आवंटन

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक निवेश का हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 26 मई से 40 औद्योगिक भूखंडों की नई योजना लांच की है। यह भूखंड ईकोटेक-11, ईकोटेक-3 एक्सटेंशन, ईकोटेक-6, ईकोटेक-1 एक्सटेंशन, उद्योग विहार एक्सटेंशन व अन्य क्षेत्रों में स्थित हैं। इन भूखंडों का आकार 627 वर्ग मीटर से लेकर 8000 वर्ग मीटर तक है।

प्राधिकरण की वेबसाइट (www.greaternoidaauthority.in) और वेब पोर्टल (gnida.etender.sbi) पर ब्रोशर उपलब्ध करा दिए गए हैं। पंजीकरण की अंतिम तिथि 16 जून 2025 है, जबकि ऑक्शन की तिथि बाद में घोषित की जाएगी।

प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि योजना से करीब 800 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और लगभग 10 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। तय समयसीमा में भूखंडों का पजेशन भी दे दिया जाएगा, जिससे उद्यमियों को लाभ मिलेगा और क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां तेज होंगी।


गंदगी पर सख्ती : ठेकेदार पर जुर्माना, सफाईकर्मियों को चेतावनी
— एक सप्ताह में व्यवस्था नहीं सुधरी तो फर्म होगी ब्लैकलिस्ट

वहीं दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर की सफाई व्यवस्था पर भी सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने इकोटेक-3 स्थित ट्वॉय सिटी, हबीबपुर व डेरीन गांव के छह फीसदी आवासीय भूखंड क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर गंदगी और कूड़ा जमा मिला, जिससे असंतुष्ट होकर उन्होंने बिमलराज कॉन्ट्रैक्टर पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

साथ ही संबंधित सफाई उपनिरीक्षक और सुपरवाइजर का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश भी दिए गए हैं। एसीईओ ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और लापरवाह कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

इस निरीक्षण का उद्देश्य प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप विकास कार्यों और साफ-सफाई की गुणवत्ता सुनिश्चित करना था। प्राधिकरण का लक्ष्य है कि ग्रेटर नोएडा न केवल औद्योगिक निवेश के लिए उपयुक्त स्थान बने, बल्कि स्वच्छता और जीवन गुणवत्ता के पैमाने पर भी अग्रणी रहे।


साफ-सफाई और जनसेवा में भी सख्ती से सुधार
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण निवेशकों को आकर्षित करने के साथ-साथ शहर की साफ-सफाई और जनसेवा में भी सख्ती से सुधार ला रहा है। यह दोहरी रणनीति शहर को एक बेहतर, स्वच्छ और रोजगार-सृजन वाला औद्योगिक मॉडल बनाने की दिशा में अहम कदम है।

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