
भू-माफिया, पुलिस और प्राधिकरण की साठगांठ से किसान की जमीन पर कब्जा, रात में चलवाया बुलडोजर
पीड़ित किसान ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज लगाई न्याय की गुहार
मौहम्मद इल्यास”दनकौरी” गौतमबुद्धनगर
गौतम बुद्ध नगर की यमुना प्राधिकरण सीमा में किसान की जमीन पर एक बार फिर जबरन कब्जे का मामला सामने आया है। चपरगढ़ गांव निवासी किसान जसराम सिंह पुत्र खुशीराम का आरोप है कि उसकी पुश्तैनी जमीन, खाता संख्या 287 पर बिल्डर ग्रीनवे, बाउंसरों और पुलिस की मिलीभगत से देर रात बुलडोजर चलवाकर जबरन कब्जा कर लिया गया। किसान का कहना है कि वह उक्त भूमि पर आज भी काबिज है और न तो उसने यमुना प्राधिकरण से कोई मुआवजा लिया है और न ही जमीन को लीज पर या किसी बिल्डर को बेचा है।



पीड़ित किसान जसराम सिंह के मुताबिक, सोमवार देर रात अचानक कई गाड़ियाँ और जेसीबी लेकर आए लोगों ने खेत में खड़ी फसल को रौंद डाला। जब किसान ने विरोध किया तो उसे धमकाया गया, गालियाँ दी गईं और मारपीट की धमकी दी गई। बाउंसरों ने पुलिस की मौजूदगी में ही दादागिरी दिखाई, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
किसान ने इस बाबत जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर, यमुना प्राधिकरण के सीईओ और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। पत्र में उन्होंने इस जबरन कब्जे को तत्काल रोके जाने, दोषी बिल्डर, पुलिसकर्मियों और बाउंसरों पर कार्रवाई करने तथा अपनी जमीन को सुरक्षित रखने की माँग की है।

ग्रामीणों ने इस घटना को यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में फल-फूल रहे भू-माफिया नेटवर्क का नतीजा बताया है। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन और प्राधिकरण की मौन सहमति बनी रहेगी, तब तक किसानों की जमीनें इस तरह हड़प ली जाएंगी।
अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्रकरण को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या जसराम सिंह जैसे किसानों को न्याय मिल पाता है या नहीं।