अंबेडकर जयंती पर जातिसूचक टिप्पणी से क्षेत्र में तनाव, वीडियो वायरल, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज

 

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” /गौतमबुद्धनगर

  भारत रत्न एवं संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल —2025 के अवसर पर ग्राम गुलस्ता, थाना सूरजपुर क्षेत्र में एक युवक द्वारा की गई कथित जातिसूचक टिप्पणी ने सामाजिक माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। आरोपी युवक के इस कृत्य से आहत होकर दलित समाज के लोगों ने सूरजपुर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

घटना की जानकारी सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें आरोपी युवक कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का प्रयोग करता हुआ देखा जा सकता है। वीडियो में की गई टिप्पणी को डॉ. अंबेडकर की विचारधारा और उनके अनुयायियों का सीधा अपमान माना जा रहा है।

इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। समाज के प्रतिनिधियों ने इसे महापुरुषों का अपमान बताते हुए प्रशासन से तत्काल और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। सूरजपुर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मपाल सिंह ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से गौतम बुद्ध नगर पुलिस से औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

धर्मपाल सिंह ने कहा, “अंबेडकर जयंती जैसे पावन दिन पर इस तरह की टिप्पणी न केवल दलित समाज को आहत करती है, बल्कि समाज में विष फैलाने का कार्य करती है। इस मामले में यदि शीघ्र सख्त कार्रवाई नहीं होती है, तो यह प्रशासन की निष्क्रियता दर्शाएगा।”

इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नरेट गौतम बुद्ध नगर के नोएडा सेंट्रल जोन के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने थाना सूरजपुर को तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डीसीपी ने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और मामले की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी।

फिलहाल, पुलिस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि करने के साथ ही आरोपी की पहचान और पृष्ठभूमि की जांच में जुटी है। सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।

इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज भी समाज में जातिवाद जैसी संकीर्ण मानसिकता किस कदर जड़ें जमाए बैठी है और इससे निपटने के लिए प्रशासन और समाज दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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