खराब हवा और कमजोर इम्यूनिटी बना रही फ्लू को अधिक घातक

मौसम में बदलाव के साथ‌ ही अस्पतालों में फ्लू के मरीज बढ़े

रोज ओपीडी आने वालों मरीजों में फ्लू से पीड़ितों की संख्या बढ़ी, हर दस में 5-6 मरीज फ्लू से पीड़ित

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा

बदलते मौसम के साथ अस्पताल में फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ओपीडी में आने वाले लगभग 50 फ़ीसदी मामले फ्लू से जुड़े हुए हैं। सर्दी,खांसी, जुकाम, बुखार ( फ्लू) से पीड़ित मरीजों का आना बढ़ गया है। डॉक्टरों के मुताबिक इसका प्रमुख कारण बदलता मौसम, ठंडी हवा और प्रदूषण है। ठंडी और सूखी हवा वायरस को लंबे समय तक हवा में बनाए रखती है, जिससे संक्रमण तेज़ी से फैलता है। साथ ही, वायु प्रदूषण और कमजोर इम्यूनिटी फ्लू को और गंभीर बना देती है।

फ्लू के आम लक्षणों में बुखार, गले में खराश, खांसी, सर्दी, छाती में दर्द और पेट से जुड़ी समस्याएँ शामिल हैं। गंभीर मामलों में कम ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन लेवल गिरने की समस्या हो सकती है, जिससे आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है।

अन्य क्षेत्रों की तुलना में ग्रेटर नोएडा में इन्फ्लुएंजा के मामले अधिक हैं देखने को मिल रहे हैं।

अधिकांश मामलों में फ्लू पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामिन, खांसी की दवा, हाइड्रेशन, भाप और गरारे से ठीक हो जाता है। लेकिन अगर बुखार बना रहे, कमजोरी महसूस हो या ऑक्सीजन लेवल गिरे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

फोर्टिस हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा की डॉ. प्रमिला रामनिस बैठा (एडिशनल डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन) ने बताया कि वायु प्रदूषण और फ्लू के असर से इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे वायरस अधिक देर तक हवा में बना रहता है। उनकी ओपीडी में भी फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इससे बचाव के लिए वह बताती है कि बिना मास्क के बाहर न निकले, हर साल फ्लू का टीका लगवाएं , बाहर से आने के बाद हाथ-मुंह धोए, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जिंक, मैग्नीशियम और प्रोबायोटिक्स लें, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लें।

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