शीत लहर:— क्या करें ,क्या न करें, एडवाइजरी जारी

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा शीत लहर के समय क्या करें क्या न करें के संबंध में एडवाइजरी की गई जारी

निराश्रित व्यक्तियों को शीतलहर/ठंड से बचाने हेतु जनसामान्य कंट्रोल रूम नंबर पर 01202978232 संपर्क कर जानकारी करा सकते उपलब्ध

Vision Live/Greater Noida

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में एवं अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार के मार्गदर्शन में जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि तहसील दादरी में 05, तहसील जेवर में 03, तहसील सदर में 05 जनपद में कुल 13 रैन बसेरों का सफल संचालन किया जा रहा है, जिसमें राजस्व अधिकारी द्वारा सभी मूलभूत व्यवस्थाओं का निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है‌। जनपद के निराश्रित व्यक्तियों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए जिलाधिकारी कार्यालय, गौतमबुद्ध नगर में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। जनसामान्य द्वारा निराश्रित व्यक्तियों को शीतलहर/ठंड से बचाव हेतु कंट्रोल रूम नंबर 01202978232 पर संपर्क किया जा सकता है । जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम बुद्ध नगर द्वारा जन सामान्य हेतु शीत लहर/ठंड से बचाव हेतु क्या करें-क्या न करें के संबंध में बिंदुवार एडवाइजरी भी जारी की गई है।

शीतलहर/ठंड से पहले

1 रेडियो सुने यह जानने के लिए कि क्या शीतलहर आने वाली है, स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए टीवी, देखें समाचार पत्र पढ़े।
2 सर्दियों के कपड़ों का पर्याप्त स्टॉक रखें। कपड़ों की कई परतें अधिक सहायक होती है।
3 आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें।
4 फ्लू, बहती/बंद नाक या नाक से खून आने जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जो आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण विकसित होती है, या बढ़ जाती है। इस तरह के लक्षणों के लिए डॉक्टर से सलाह ले।

शीतलहर ठण्ड को दौरान

1 मौसम की जानकारी और आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का बारीकी से पालन करें और सलाह के अनुसार कार्य करें।
2 जितना संभव हो घर के अंदर रहें और ठंडी हवा के संपर्क से बचने के लिए यात्रा कम से कम करें।
3 भारी कपड़ों की एक परत के बजाय ढ़ीले-ढाले, हल्के हवारोधी गर्म ऊनी की कई पर पहने। टाइट कपड़े रक्त संचार कम करते हैं।
4 अपने आप को सूखा रखे, यदि गीला है तो अपने सिर, हाथ और पैर की उगंलीयो को पर्याप्त रूप से ढक ले क्योंकि सर्दी से अधिकांश नुकसान शरीर के इन्हीं हिस्सों को होता है।
5 दस्ताने को प्राथमिकता दे। दस्ताने ठण्ड से अधिक गर्मी और इन्सुलेशन प्रदान करते है क्योंकि उंगलियां अपनी गर्मी साझा करती है और कम सतह क्षेत्र को ठंड के संपर्क में लाती है।
6 गर्मी के नुकसान को रोकने के लिए टोपी और मफलर का उपयोग करें, इंसुलेटेड/वॉटरप्रूफ जूते पहने।
7 शरीर के तापमान का संतुलन बनाए रखने के लिए स्वस्थ भोजन खाएं।
8 पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन-सी भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
9 नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पिये इससे ठण्ड से लड़ने के लिए शरीर में गर्मी बनी रहेगी।
10 अपनी नियमित रूप से तेल, पैट्रोलियम जैली या बाॅडी क्रीम से मॉइस्चराइज करें।
11 बुजुर्गों और बच्चों का ख्याल रखे और अकेले रहने वाले पड़ोसियों, खासकर बुजुर्गो से उनका हाल-चाल पूछे।
12 आवश्यकतानुसार आवश्यक सामग्री को भण्डारण करें। पर्याप्त पानी संग्रहित करें क्योंकि पाइप जम सकते हैं
13 गैर-औद्योगिक भवनों के लिए ताप इन्सुलेशन पर गाइड का पालन करें और आवश्यक तैयारी उपाय करें।
14 ठंडी लहरों के संपर्क में आने पर शीतदंश के लक्षणों जैसे सुन्नता, उंगलियों, पैर की उंगलियां, कान की लोब और नाक की नोक पर सफेद या पीला दिखन।
15 लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से त्वचा पीली, कठोर और सुन्न हो सकती है। शरीर के खुलें हिस्सों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, नाक और कानों पर काले छालें पड़ सकते हैं। तुरंत डॉक्टर से सलाह ले।


16 शीतदंश से प्रभावित क्षेत्रों का गुनगुने गर्म पानी से उपचार करें।
17 कंपकंपी को नजर अंदाज न करें, यह महत्वपूर्ण पहला संकेत है, की शरीर की गर्मी कम हो रही है और यह जल्दी से घर के अंदर लौटने का संकेत है।
18 शीतदंश से पीड़ित व्यक्ति यथाशीघ्र चिकित्सा सलाह ले।
19 पालतू जानवरों को घर के अंदर ले जाएं। इसी तरह मवेशियों या घरेलू पशुओं को भी अंदर ले जाकर ठंड के मौसम से बचाए।
20 शीत लहर के गंभीर संपर्क से हाइपोथर्मिया हो सकता है। शरीर के तापमान में कमी, जिससे कपकपी, बोलने में कठिनाई, नींद आना, मांसपेशियों में अकड़न, भरी सांस लेना, कमजोरी और ध्यान चेतना की हानि हो सकती है। हाइपोथर्मिया एक चिकित्सीय आपात स्थिति है, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

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