
उर्स मेले में देशभर के मशहूर कव्वालों ने पेश किए सूफियाना कलाम, अमन और भाईचारे की मांगी गई दुआएं

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / गौतमबुद्धनगर
दनकौर स्थित चिश्तिया लुत्फिया दरगाह शरीफ में 11 जून 2025 से जारी तीन दिवसीय 81वें सालाना उर्स मुबारक का समापन शुक्रवार को ख्वाजा लुत्फुल्लाह शाह चिश्ती निजामी रहमतुल्लाह अलैहि के कुल शरीफ के साथ सम्पन्न हुआ। इस मौके पर देशभर से आए अकीदतमंदों ने हाजिरी दी और मुल्क के अमन-ओ-चैन के लिए दुआ की।

सूफियाना रंग में रंगा कुल शरीफ का महफिल
कुल शरीफ के मौके पर देश के प्रसिद्ध कव्वालों ने एक से बढ़कर एक सूफियाना कलाम पेश कर समां बांध दिया।
महफिल में शामिल प्रमुख कव्वालों में रहे:
🎶 शमीम अनवर कव्वाल
🎶 वारिस साबरी ‘घुंघरू वाले’
🎶 इरफान कव्वाल
🎶 इकरामुद्दीन कव्वाल
🎶 मंजूर कव्वाल
इन तमाम कव्वालों ने हज़रत ख्वाजा लुत्फुल्लाह शाह और सिलसिला-ए-बाबा शाह फिरोज चिश्ती निजामी रहमतुल्लाह अलैहि की शान में नात, मनक़बत और कलामों की प्रस्तुति से हर दिल को रूहानी सुकून दिया।

विशिष्ट अतिथियों की रही गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में अनेक मज़हबी, सामाजिक व आध्यात्मिक हस्तियां भी विशेष रूप से शामिल रहीं, जिनमें प्रमुख नाम हैं:
🟢 बाबुद्दीन (सिकंदराबाद)
🟢 शाह हुसैन (सिकंदराबाद)
🟢 सैयद ताजुद्दीन मिस्कीनी मुतवल्ली, दरगाह सिकंदराबाद
🟢 खलीफा सूफी रियाजुद्दीन, जहांगीरपुर
🟢 सूफी रहीसुद्दीन, धनपुरा
🟢 डॉ. जहीर साहब, सिकंदराबाद
🟢 हाजी इस्लामुद्दीन अब्बासी, गाजियाबाद

सज्जाद नसीन ने दी जानकारी
दरगाह के सज्जाद नसीम सूफी फजलुर रहमान लुत्फी चिश्ती निजामी हमीदी दनकौरी ने बताया कि कुल शरीफ के बाद अब सिलसिला-ए-बाबा शाह फिरोज चिश्ती निजामी रहमतुल्लाह अलैहि के 448वें सालाना उर्स मुबारक की कव्वाली महफिलें शुरू हो चुकी हैं। इस उर्स का कुल शरीफ 14 जून की सुबह नमाज़-ए-फज्र से पहले संपन्न होगा।

उर्स मुबारक का संदेश
तीन दिवसीय इस उर्स मेले ने दनकौर को फिर एक बार सूफियाना नूर और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। उर्स के जरिए आपसी मोहब्बत, भाईचारे, इंसानियत और मुल्क की सलामती की दुआएं की गईं। यह आयोजन हिन्दुस्तानी तहज़ीब और सूफी परंपरा की उस विरासत का प्रतीक है जो लोगों को जोड़ने और सच्चे मार्ग की ओर प्रेरित करने का काम करती है।