
🌟 मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 का पांच दिवसीय व्यापारिक महाकुंभ आज उत्साह और उपलब्धियों के साथ संपन्न हुआ।
13 से 17 अक्टूबर तक चले इस आयोजन ने न केवल रिकॉर्ड तोड़ खरीदार उपस्थिति दर्ज की, बल्कि Rs. 3000 करोड़ के व्यावसायिक ऑर्डर और पूछताछ के साथ नए कीर्तिमान स्थापित किए।

✨ ऐतिहासिक समापन और अंतरराष्ट्रीय सफलता
इस वर्ष मेला 112 देशों से आए 6736 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों, प्रतिनिधियों और घरेलू व्यावसायिक आगंतुकों की सहभागिता का गवाह बना।
3,000 से अधिक प्रदर्शकों ने अपने नवाचार और डिजाइन कौशल से भारत की हस्तशिल्प परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।
🎤 नेतृत्व और दृष्टिकोण
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (EPCH) के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा —
“यह संस्करण भव्यता और दृष्टि के साथ आयोजित हुआ। प्रदर्शकों और आयोजकों ने नए मानक स्थापित किए हैं। फरवरी 2026 में होने वाला अगला संस्करण इस स्तर को और ऊंचा करेगा।”
EPCH के महानिदेशक एवं IEML अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा —
“हमारे प्रदर्शकों ने अंतरराष्ट्रीय अनुभव और सीख को उत्पादों में उतारा है। इस वर्ष के नवाचार और प्रस्तुतियाँ अनूठी और आकर्षक रही हैं। हर संस्करण में कुछ नया प्रस्तुत करने की हमारी परंपरा जारी है।”

🌿 स्थायित्व और नवीनता पर केंद्रित
EPCH के उपाध्यक्ष सागर मेहता ने बताया कि खरीदारों ने इस बार इको-फ्रेंडली, सतत और कंप्लायंट कलेक्शन में गहरी रुचि दिखाई — विशेषकर होम डेकोर, फर्नीचर, उपहार वस्तुएं, जूट-बांस उत्पाद, फैशन एक्सेसरीज़ और गृह वस्त्रों में।
यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के खरीदारों ने भारतीय डिज़ाइन और गुणवत्ता की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
🏛️ विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
पांच दिनों तक मेले में अनेक गणमान्य व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही, जिनमें
केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद,
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान और नंद गोपाल ‘नंदी’,
राज्यसभा सांसद मिथलेश कुमार कटारिया,
अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार,
वस्त्र मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव,
हथकरघा विकास आयुक्त डॉ. एम. बीना,
और गौतमबुद्ध नगर की जिलाधिकारी मेधा रूपम शामिल रहीं।

💬 खरीदारों की आवाज़, भारत के हस्तशिल्प की गूंज
अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने भारतीय उत्पादों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “हर संस्करण पहले से अधिक उन्नत, रचनात्मक और प्रेरणादायक होता है।”
यूके, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, ग्वाटेमाला और जापान से आए व्यापार प्रतिनिधियों ने भारतीय हस्तशिल्प को “विश्वस्तरीय गुणवत्ता और कलात्मकता का प्रतीक” बताया।
📊 शानदार आँकड़े और निर्यात क्षमता
EPCH के कार्यकारी निदेशक आर.के. वर्मा ने बताया कि मेले के दौरान 3000 करोड़ रुपये की व्यावसायिक पूछताछ दर्ज की गई।
उन्होंने कहा —
“EPCH भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक बाजारों में विश्वसनीयता और गुणवत्ता के प्रतीक के रूप में स्थापित करने के लिए निरंतर कार्यरत है। वर्ष 2024–25 में हस्तशिल्प निर्यात ₹33,123 करोड़ (USD 3,918 मिलियन) तक पहुंचा, जो इस क्षेत्र की सशक्त प्रगति का संकेत है।”

🌏 भारत की सॉफ्ट पावर का जीवंत प्रदर्शन
आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 ने साबित किया कि भारत न केवल सांस्कृतिक विविधता का देश है, बल्कि डिज़ाइन, नवाचार और वैश्विक व्यापार का अग्रणी केंद्र भी बन चुका है।
“मेड इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” की यह भावना पूरे आयोजन में झलकती रही।