

मौहम्मद इल्यास – “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
दनकौर शरीफ स्थित दरगाह शरीफ खजूर वाले बाबा पर पीर सैयद अहमद शाह कुतुब-ए-सलामी रहमतुल्लाह अलैहि और इमाम सूफी बशीर अली समदी साबरी रहमतुल्लाह अलैहि का 42वां सालाना उर्स-ए-मुकद्दस 9 और 10 अगस्त 2025 को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


पहले दिन शनिवार शाम 6 बजे चादरपोशी और गुलपोशी का कार्यक्रम दरगाह शरीफ से शुरू हुआ। रात 9 बजे से 12 बजे तक मीलाद शरीफ और कव्वाली का कार्यक्रम हुआ, जिसमें मशहूर कव्वाल गुलाम अली वारिस (अमरोहा) और समीर-जमीर साबरी (जहांगीरपुरी, घुंघरू वाले) ने अपने सूफ़ियाना कलाम से समां बांध दिया। रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक महफ़िल जारी रही।


दूसरे दिन रविवार सुबह 11 बजे कुल शरीफ और दस्तारपोशी की रस्म अदायगी हुई, जिसमें मुल्क में अमन, चैन और खैर-बरकत की दुआ की गई। दोपहर 1 बजे से लंगर (भंडारा) का आयोजन शाम 4 बजे तक चलता रहा।

दरगाह के सज्जादानशीन गुलाम बशीर अली चिश्ती ने बताया कि उर्स में कई मज़ारात और दरगाहों के सज्जादानशीन, सूफ़ी संत और खुसूसी मेहमान शामिल हुए। इनमें पीर सैयद जमीरउद्दीन सज्जादनशीन ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी (मेहरौली), सैयद हुसैन मिस्किनी ताजी साबरी (सिकंदराबाद), हजरत अब्बास अली वारसी (देवा शरीफ, बाराबंकी), सैयद जहीरूद्दीन कुतबी (मेहरौली), सैयद अमान कुतुबी (मेहरौली), दिलकश राजा (सिवानी, बिहार), खलीफा याकूब गफ्फारी (खोड़ा कॉलोनी), सूफी शेर मोहम्मद (कामरा), नफीस कादरी (रबूपुरा), सूफी आरिफ (दरगाह बाबा अजम तारा, दनकौर), सूफी फजलुर रहमान लुत्फी हमीदी (चिश्तिया लुत्फिया दरगाह, दनकौर), हाजी अकबर अली रमजानी (दरगाह हजरत भूरे शाह बाबा, दनकौर), मौलाना मोइनुद्दीन अशरफी, सैयद अब्दुल कलाम (उस्मानपुर), हाजी अल्लामैहर (रटौल), हाजी इस्लाम अब्बासी साबरी (दनकौरी), बाबूजी शब्बीर गफ्फारी (कलंदरगढ़ी), सूफी साबिर अब्बासी (दादरी), हाजी मोबिन अब्बासी, चाचा रसूलखां, नफीस अहमद (दादरी) और सईद साबरी आदि शामिल रहे।




खादिम सूफी कासिम हुसैन अब्बासी ने बताया कि आयोजन में क्षेत्र के सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने भी शिरकत की। इनमें सौरन प्रधान (राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान एकता संघ), विपिन कसना (प्रदेश सचिव, समाजवादी यूथ ब्रिगेड), दनकौर नगर पंचायत चेयरमैन राजवती देवी के प्रतिनिधि दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया, सोनू वर्मा, गौरव नागर एडवोकेट, सुनील भाटी (देवटा), अनिल गोयल, डॉक्टर की इमाम (बिलासपुर), नासिर हुसैन अब्बासी, बाबू नागर (डेरीन), धनंजय नागर (इमलिया), नवल भाटी (गाजियाबाद), डॉक्टर रहमत अली (दनकौरी), मुरसलीम अब्बासी (सिकंदराबाद) और आस मोहम्मद अब्बासी (मेहरौली) शामिल थे।



दो दिवसीय उर्स में सूफियाना माहौल, कव्वाली और लंगर के साथ मोहब्बत, भाईचारे और अमन का पैगाम दिया गया।