राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त होने पर खुला पत्र
विजन लाइव/ गौतमबुद्धनगर
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव समेत सभी बड़े विपक्षी नेता राहुल गांधी के समर्थन में क्यों आए?
क्योंकि सबको पता है कि क्या हुआ है। जिस तरह बोगस केस में राहुल को फंसाया गया, विपक्ष समझ चुका है कि जब कांग्रेस का सबसे बड़ा नेता नहीं बचा तो कोई नहीं बचेगा। अडानी पर सवाल उठाने के 15 दिन के भीतर राहुल गांधी को न सिर्फ सजा हुई बल्कि उनकी संसद सदस्यता भी छीन ली गई। केस किसी और राज्य का, दर्ज हुआ कहीं और, न कोई जांच हुई, न कोई कानूनी प्रक्रिया हुई। अदालती नियमों को ताक पर रखकर जिस तरह से राहुल गांधी को निशाना बनाया गया है, वह भारत के इतिहास में दुर्लभ केस है। अब सभी विपक्षी नेताओं को पता चल गया है कि बिना किसी मेरिट के केस में फंसाकर किस तरह विपक्ष को रौंदा जा रहा है। विपक्ष जनता का पक्ष है। विपक्ष निरंकुश सत्ता पर जनता की तरफ से निगरानी करता है। मीडिया और अदालतों का भी यही काम है। इन सबको रौंद देने का मतलब है निरंकुश और निष्कंटक तानाशाही। हर दिन सरेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इस लोकतंत्र और इस देश के प्रति हर नागरिक का फर्ज है कि वह इसे बचाए। मैं मनोज चौधरी पूर्व जिला अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी गौतमबुद्धनगर व पूर्व जेवर विधानसभा- 63 कांग्रेस प्रत्याशी, राहुल गांधी समेत हर विपक्षी नेता के साथ खड़े होकर इस तानाशाही का विरोध करता हूं।